MAHADEV/महादेव
सब दुखों को हरनेवाला,
हमें सुला खुद जगनेवाला,
महाकाल शिवदानी भोला,
पता नहीं कब सोता होगा,
मगर हमें ये ज्ञात हमारे रोने पर वो रोता होगा|
सृष्टि का जो नियम,
नियम के आगे वो मजबूर,
चाहत हमें हँसाने की,कैसे तोड़े दस्तूर,
देख मौन त्रिपुरान्तक,दानव बन बैठे हैं क्रूर,
काल बदलते देर नही,महाकाल नही मजबूर,
जीवन शिव,जीव,शव भी शिव है,
दीपक का घृत,लौ भी शिव है,
शिव ही सृष्टि का आधार,
शिव से ही सारा संसार,
जलचर,नभचर,देव,दनुज,
वन,पर्वत सबसे शिव का प्यार,
मेरा शिव,मेरा परमेश्वर,
उग्र कपाली,सोम,विश्वेश्वर,
मृत्युंजय,त्रिपुरान्तक,शंकर,
सब देवों का देव महेश्वर,
मेरा ईश्वर,अज,रखवाला,
अमृत दे विष पीनेवाला,
सृष्टि का संचालक भोला,
पता नहीं कब सोता होगा,
मगर हमें ये ज्ञात हमारे रोने पर वो रोता होगा,
मगर हमें ये ज्ञात हमारे रोने पर वो रोता होगा|
!!!मधुसूदन!!!
हलाहल पी कर जग को बचाने के चरणों में मेरा प्रणाम।
हर हर महादेव।🙏🙏
जय भोलेनाथ की🙏🙏🙏🙏
कहुं तो क्या कहुं मैं😢😢😢😢
ये शब्द “महादेव” मेरे रोम-रोम को पुलकित करता है…..न जाने क्यों आँखें गीली कर जाती है।
आपके शब्द तो एैसे भी खूबसूरत रहते ही है….आज तो महादेव भी आ गए🙏🙏🙏🙏🙏🙏
हर हर महादेव।🙏🙏
Dear Sir I am nominating you here http://rachanadhaka.com/2020/03/05/bee-love-award-2/
Dhanyawad apka.
Brilliant Poem Sir ….
धन्यवाद रचना जी।
शिवोहम् शिवोहम् सच्चिदानंदोहम्। सुंदर रचना सर।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सराहने के लिए।
Nirvanastkam se kuch kuch milti hai apki rachna.. I listen them almost on daily basis. You can also try, its soothing
मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहम् न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहम् शिवोऽहम् ..
बहुत अच्छा लगता है आपको देखकर। ऐसा लगता है जैसे कोई अपना ही मिल गया जो बिछड़ गया था। धन्यवाद आपका पसन्द करने के लिए।
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एक पल के लिये अन्दर शिवोमय हो गया…बहुत अच्छा
बहुत बहुत धन्यवाद आपका सराहने के लिए।
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