BIKHRE HUYE KO KAUN BIKHRAYE
Image Credit : Google अजब सा देश खड़ा फिर आज उसी मुहाने पर। छिड़ी है अपनों में फिर द्वन्द्व अहम् में सारे हैं मतिमंद, वतन से प्रेम रहा ना, लोभ स्वार्थ में बन बैठे सब अंध, मगन फिर आज कई धृतराष्ट्र क़त्ल करवाने पर, अजब सा देश खड़ा फिर आज उसी मुहाने पर। जहाँ के […]