
धीरे-धीरे मौसम बदलता,धीरे-धीरे लोग,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,
फिर किस बात का शोक।
माना कल जो आज नही,
जो आज रूबरू कल ना होगा,
माना है तम आज चतुष्कोण,
निश्चित तिमिर ये कल ना होगा,
होगा फिर जयगान यहाँ पर,
तेरा फिर गुणगान यहाँ पर,
होगा निश्चित उदित भानु,दीप्ति होगी चहुँओर,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक।
सूर्य भी उगता नित डूब जाता,
बाद रात के दिन फिर आता,
जीवन एक सफर का नाम,
पुष्प कहीं पथ कंटक मान,
कंटक का भय त्याग चला जो,
जीवन में इतिहास रचा वो,
चलो त्याग भय,संसय निश्चित,आएंगे शुभ योग,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक।
!!!मधुसूदन!!!
Rajiv Sri... says
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति सर…
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत भाई।
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद भाई।
Priti says
Beautiful lines yes life is a journey ! Well shared 😊💕thanks.😊👌
Madhusudan Singh says
Thank you very much for your appreciations.
Priti says
You are welcome ❤❤stay blessed.💕💕
Ashish kumar says
Atyant sundar rachna… Good to see you back… 🙂
Rupali says
Waah! Aap ko dekh kafi khush hui. Asha hai aap swastha hain.
Madhusudan Singh says
Hamen bhi aapko dekhkar kaafi khushi huyee. Ummid hai aap bhi sakushal hongi. Dhanyawad.
अनिता शर्मा says
शाश्वत सत्य को दर्शाती प्रेरणादायी, आशा से युक्त सार्थक रचना👌🏼👌🏼
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏
surinder kaur says
Awesome
Madhusudan Singh says
Dhanyawad apka.🙏
Rekha Sahay says
सुंदर रचना के साथ वापसी। welcome back!!!! 😊
Madhusudan Singh says
स्वागत आपका। आपसभी को देख अच्छा लगा।
aruna3 says
Behad khoobsurat kavita he.
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Nageshwar singh says
भाई साहब नमस्कार,, बहुत लम्बे समय बाद दर्शन हुए आपके,,उसी चिरपरिचित अंदाज में,,, अतिसुंदर अभिव्यक्ति के साथ में 👌👌🙏
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद भाई जी। समयाभाव के कारण आपलोगों से जुड़ नही पा रहा मगर भुला नही हूँ। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏🙏
Anonymous says
अति सुन्दर
Madhusudan Singh says
धन्यवाद।