वक्त बदलता है।

धीरे-धीरे मौसम बदलता,धीरे-धीरे लोग,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,
फिर किस बात का शोक।
माना कल जो आज नही,
जो आज रूबरू कल ना होगा,
माना है तम आज चतुष्कोण,
निश्चित तिमिर ये कल ना होगा,
होगा फिर जयगान यहाँ पर,
तेरा फिर गुणगान यहाँ पर,
होगा निश्चित उदित भानु,दीप्ति होगी चहुँओर,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक।
सूर्य भी उगता नित डूब जाता,
बाद रात के दिन फिर आता,
जीवन एक सफर का नाम,
पुष्प कहीं पथ कंटक मान,
कंटक का भय त्याग चला जो,
जीवन में इतिहास रचा वो,
चलो त्याग भय,संसय निश्चित,आएंगे शुभ योग,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक,
कुछ भी यहाँ स्थिर नही,फिर किस बात का शोक।

!!!मधुसूदन!!!

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