हिंदी हमारी जान

हिंदुस्तान में रहते खुद को गर्व से कहते हिन्दुस्तानी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
कदम-कदम पर खान-पान,
हर कदम अलग सा भाषा है,
रंग बिरंगे उत्सव का संगम,
भारत कहलाता है,
उन्नीस सौ उन्चास में फिर भी,
हिंदी को सम्मान मिला,
संबिधान भारत का इसको,
राष्ट्रभाषा स्वीकार किया,
फिर हम उन्नीस सौ तिरपन से,
हिंदी दिवस मानते हैं,
भारत के सब फूल जोड़कर…..क्रमश:

18 Comments

  • सर अंग्रेजी ने भी बहुत मार खाया है। जर्मन ,फ्रेंच केल्ट, स्पैनिश , पुर्तगाली आदि के उधार के कितने शब्द । अंग्रेजी बहुत खाली है। हमारे गणमान्य लोग विदेशी ही है न।आप जैसे हिंदी प्रेमियों के बदौलत हिंदी सदैव सम्मान प्राप्त करती रहेगी।

    • Pahle to abhaar aapka apne meri kavita padha aur sarahaa……..ham sabhi bhashaawon ka sammaan karte hain……magar aphshosh ki log apne gharon men bhi apni bhasha ka prayog nahi karte aur english bol khud ko advance dikhaate hain………koyee madrasi bolta hai koyee bangaali….koyee gujrati bolta hai….koyee bhojpuri……hamen achchha lagta hai……sach hai English uttar aur dakshin ko jodne men aham bhumika nibhaa raha hai……magar hindi to apne gharon men hi upekshit hai.

  • सर हिंदी बहुत ही वैज्ञानिक लिपि है। मातृभाषा की मिठास का सर्वाधिक जिसके मुंह लग गया उसे कुछ और नहीं मारेगा।रही बात अंग्रेजी की तो दक्षिण भारत की मजबूरी के कारण हमने प्रांतो को मिलाया लेकिन उनकी भाषा को अपना न सके।आज वो लोग हम से ज्यादा हिंदी के बालीवुड के गाने सुनते हैं। हिंदी का विकास होगा।🙏🙏

    • Nishchit ham bhi ashaawadi hain…….nishchit vikash hoga ….pahle hindi kitabon tak simit thi ab social media men bhi log aage badhkar Hindi ko tawajjo de rahe hain……..abhaar apka apnaa kimti samay nikalkar meri kavita padhne ke liye.

      • My pleasure sir.Itna hi nahi Bihar ke sajjan ne supreme court ne english me writ karne se mana kiya tha.Hindi ko kam hi aur acche log jane mane warna uski durgati bhi angreji jaisi hi hogi.

        • सुक्रिया सुंदर सोच के लिए।वैसे परिवर्तन संसार का नियम है।आनेवाले दिनों में कोई भाषा इस बात से अछूता नही रह जाएगा जिसमे दूसरे भाषाओं के शब्द ना मिले हों।अब देखिए न हिंदी गानों में इंग्लिश शब्द का समावेश,बोलचाल में दोनों भाषाओं के साथ उर्दू का संगम।हमारी देवभाषा संस्कृत आज कुछ ब्राम्हणों तक ही सीमित है।भाषाएं उस सभ्यता के विकसित होने को भी दर्शाती है।हम सौभाग्यशाली हैं जो हमारे यहाँ इतनी भाषाएँ हैं मग़र हिंदी सबकी रीढ़ बनी रहे यही कामना है मेरी।धन्यवाद आपका।

  • चढ़ गया है हम पर गौरों का रंग
    भुल गए है हम अपनी मातृभाषा को
    हिंदी तुम चुप चाप ही रहना कोने में
    अगर सामने आईं तो लोग हस हस कर मजाक बनाएँगे तेरा
    सब को अंग्रेजी ही अच्छी लगती है
    तिरस्कृत हुईं है हिंदी
    अपने ही घर में हारी है हिंदी
    औरों से क्या जीतेगीं हिंदी

    राष्ट्रभाषा-दिवस की आपको बधाई ।

    • बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ।
      आईये मिलजुल हिंदी की खूबसूरती में चार सहण्ड लगाएं।

    • बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ।
      आईये मिलजुल हिंदी की खूबसूरती में चार चाँद लगाएं।

  • वास्तव में । फिरकापरस्ती की शिकार हो गयी हिन्दी ,वरना हर हिन्दुस्तानी कहता -हिन्दी है भारत माता के माथे की बिंदी ।बङे अफसोस की बात है कि अभी तक हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा नहीं मिला ।

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