ATMAHATYA/आत्महत्या
स्तब्ध हूँ, इस तरह चले जाना तेरा ठीक नही,
माना जीवन क्षणभंगुर मगर,
इस कदर अपनों को
तड़पाना भी तो ठीक नही,
काश अपनी मजबूरियाँ अपनों को बताते,
कोई न कोई राह जरूर निकल आते,
थोड़ी सी चोट और छलक जाते हैं आँसू,
छुपाता कोई बिस्तर भिगोता है,
तुम तो मर्द है,
क्या हुआ,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है?
कुछ ऐसा ही कहा जाता जब लड़के रोया करते,
दर्द है तो रोना पाप कैसे,क्यों ऐसे कहा करते,
दिल का दर्द बदन दर्द पर भारी,
न जाने कितनों के आंखों से,
अश्क ना छलके,
जिंदगी हारी,
तुम भी रोक ना पाए स्वयं को,
और छोड़ गए अपनो को बीच मझधार!
अरे इस कदर गमों की दुनियाँ में रहनेवाले,
मत रोक आँसू छलक जाने दे,
दावानल बनने से पहले दर्द बह जाने दे,
गमों के समंदर में तुम भी स्वयं को डुबोता क्यों है,
जीवन अनमोल व्यर्थ खोता क्यों है,
कहने दो कहनेवालों को,
कि, क्या हुआ,
तुम तो मर्द है,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है।
!!!मधुसूदन!!!
Hame mansik svasth ko aur ghambhirtha se lena hoga. Logon ko khulkar apne pareshani ke baare mein baat karne ke liye protsahan karna chahiye.
Bilkul sahi kaha apne…..Nitya pratidin atmhatya ka badhta case chinta kaa vishay hai.
Very sad indeed – well written
Haan mitra… Bahut hi dukhad hai.
🌸🌸
शायद भीतर खालीपन बहुत था।
रिक्तता सदैव हमारे साथ साथ चलती है। दो ही शक्तियाँ सदैव इसके एकाधिकार को चुनौती देती हैं – पहली धर्म, दूसरी प्रेम! ☺
जोकि अब स्वयं शक्तिहीन हो चुकीं हैं
कह सकते हैं।
मुस्कुराते चेहरे कोई जरूरी नही खुशहाली का प्रतीक हो।
अक्सर इस पेशे के लोगों के चेहरों पर मुस्कान नक़ाब की तरह होती है।
सब गांजा पी कर झूठी हसी निकालते … सब नशेड़ी है … सब के सब
सब तो नहीं पर कुछ तो हैं ही।
Haa भाई सही कह रहे …सब नही❤
वो क्या है ना, आज मैंने ज्यादा पी रखी हैं 🙈
😂😂😂😂👌
😹😹❤
हा हा हा। अभी ज्यादा पी लिए होते तो पता कैसे रहता। अतः अभी होश बाकी है।😁
एक दम सही कहा।
🙏🙏
उनकी रुचि थी astronomy , space magic , dark energy ….उनकी इंस्टाग्राम post से पता चलता था ….वो उत्सुक थे इस जिंदगी के बाद के बारे में जानने के लिए
आप हम इसे आत्महत्या कह सकते … पर उनके लिए यह बस इस दुनिया से कोई दूसरी दुनिया की खोज उत्सुकता मात्र हो सकती ☺
सच में , ऐसा सोचने और करने वाले बहुत से genius brain मौजूद 🌼
ऐसे जीनियस सोच को कत्तई सही नही कहा जा सकता। ईश्वर ने भी संघर्ष करना सिखाया न कि आत्महत्या करना।
हां सच बात पर ऐसा करते कुछ लोग …आपने संतो और आध्यत्मिक ध्यान से जुड़े लोगों को “समाधि” लेते हुए सुना होगा …कुछ उसी type का ☺🌼
वीर सावरकर ने भी कुछ ऐसा ही किया था …पढियेगा उनका लेख “आत्महत्या और आत्म समर्पण ”
वैसे हम इन सब बातों का कतई समर्थन नही करते ….
लोग बम्बई से बिहार पैदल धूप में भूखे प्यासे चले आये अपने गाँव माँ बाप परिवार संग जीने ये ससुर सुसाइड करने निकल पड़े 😏😏
Indeed, such attitude must be changed. Tears are the mark of life. No one should be judged.
Inna lillahi wa Inna ilayhi rajioun
Bahut hi dukhad aur vicharaniy.
बहुत ही गंभीर और चिंतनीय!! 🥺
जल्दबाजी में लिए गए फैसलों में हमेशा हानि ही होती है। अगर दिल में कोई बात को लेकर दुख है तो उसे अपने किसी विश्वासपात्र से साझा करें लेकिन आत्महत्या किसी भी चीज का समाधान थोड़े ही है। 😏😔
बिल्कुल सही कहा। चाहे कोई कितना भी अच्छा मगर ये कदम बिल्कुल सही नही।
और क्या तो 😏🤨
Tregic end ,unbelievable.
मगर यही सच्चाई है।
Ye bahut h shocking news thi, vishwass h nhi hua
Kash Isko roka jaa sakta
जिसकी सोच बार बार मर जाने की सोचे और रहना अकेला उसे कौन जिंदा रख सकता है।
दुखद स्थिति में जल्दबाजी होकर लेने वाले फैसला कभी भी सही नहीं होती। ऐसी स्थिति में एक अच्छे दोस्त की सलाह लेना शायद ऐसी दुर्घटना को रोक सकेगा। 😰
घर बड़े लोग कम पड़ गए।
एक कमरे में दस रहनेवाले आत्महत्या नही करते। बिल्कुल सही कहा आपने दोस्तों के साथ समय बिताना चाहिए,
मुसकुराना सही है
तो आंसू भी बहाना चाहिए।
बहुत सोचनीय ।
हमें अपनी भावनाएं खुल के बाहर आने देना चाहिए । बहुत ही दुःखद घटना ।
आज दिन प्रतिदिन ऐसी घटनाएं बढ़ रही है। शायद अकेला रहना जीवन पर भारी पड़ रहा है।
सही कहा आपने । बाहर तो चकाचौंध है पर अन्दर खालीपन बढ़ रहा ।
बिल्कुल।
कई लोग यहाँ
जो दिखने में
लगते हैं किस्मतवाले,
मगर होते नही।
यही तो दस्तूर है ज़िन्दगी का ।