ATMAHATYA/आत्महत्या

स्तब्ध हूँ, इस तरह चले जाना तेरा ठीक नही,
माना जीवन क्षणभंगुर मगर,
इस कदर अपनों को
तड़पाना भी तो ठीक नही,
काश अपनी मजबूरियाँ अपनों को बताते,
कोई न कोई राह जरूर निकल आते,
थोड़ी सी चोट और छलक जाते हैं आँसू,
छुपाता कोई बिस्तर भिगोता है,
तुम तो मर्द है,
क्या हुआ,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है?
कुछ ऐसा ही कहा जाता जब लड़के रोया करते,
दर्द है तो रोना पाप कैसे,क्यों ऐसे कहा करते,
दिल का दर्द बदन दर्द पर भारी,
न जाने कितनों के आंखों से,
अश्क ना छलके,
जिंदगी हारी,
तुम भी रोक ना पाए स्वयं को,
और छोड़ गए अपनो को बीच मझधार!
अरे इस कदर गमों की दुनियाँ में रहनेवाले,
मत रोक आँसू छलक जाने दे,
दावानल बनने से पहले दर्द बह जाने दे,
गमों के समंदर में तुम भी स्वयं को डुबोता क्यों है,
जीवन अनमोल व्यर्थ खोता क्यों है,
कहने दो कहनेवालों को,
कि, क्या हुआ,
तुम तो मर्द है,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है,
ऐसे लड़कियों की तरह रोता क्यों है।
!!!मधुसूदन!!!

47 Comments

  • बेहद दुखद घटना. इसके पीछे क्या छुपा है, मालूम नहीं. RIP सुशांत !!!

    • बहुत दुखद।

      वहाँ भी मानव रहते हैं भगवान नही। फिर छल स्वाभाविक है।

      कितने मासुम खुद को दिखाते हैं ये,
      फिल्मी दुनियाँ में छुपे माफिया,
      कत्ल करते,
      फिर भी
      मेरे नायक बन जाते हैं ये।

  • The negative point of our society is that we forget to up bring the boys with thoughts of how important is it to show their emotions. Why wrong thoughts are build in the mind of boys that crying and showing emotions makes a man weak.
    What happened with Sushant is the fact that is politically faced by every professional in different professions who don’t have any godfather or support.

    • Es vishay par apka bahut saara sarahniy post hai……Kash waisa post aise logon tak jaa paati…..Yaa ho sakta hai koyee saajish ho.

  • There is no such problem, which cannot be solved. Life is very precious, even if it is sacrificed for the country, but do not take such steps. For you it is just one life but for your family you are the whole world ..nice post sir

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