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जगमग पुनः अयोध्या देखा,
दीपक संग जलते दिल देखा,
देखे तेरे अश्क नयन हम संग संग तेरे रोते मेरे राम जी,
कह दो कहाँ गए सब न्याय टाट में,खुद गुमशुम क्यों सोते मेरे राम जी।
ये कैसा कलियुग है आया,
अवधपुरी क्या रंग दिखलाया,
जिस धरती का नाम राम से,
वहीं राम निर्वासित पाया,
खुद पर सिय इतना ना रोई,
देख अवध जितना अब रोई,
हाय प्रभु हे नाथ बता क्यों,हाल बना ली ऐसी मेरे राम जी,
कह दो कहाँ गए सब न्याय टाट में,खुद गुमशुम क्यों सोते मेरे राम जी।
तूने न्याय को उत्तम जाना,
मुझसे भी प्रिय जन को माना,
स्वर्ण लंक को धूल समझ जिस
अवधपूरी को धड़कन माना,
जो जन तेरे नाथ दुलारे,
जो तेरे नयनों के तारे,
जिसके कहने पर हे रघुवर,
अवधपुरी से हमें निकाले,
आज वही जन बन निष्ठुर जब,तुझे किया निर्वासित
मेरे राम जी,
कह दो कहाँ गए सब न्याय टाट में,खुद गुमशुम क्यों सोते मेरे राम जी।
किस से अब भी आस यहाँ पर
न्याय नही मिलनेवाला,
अगर अभी रावण भी होता,
उसका हृदय पिघल जाता,
आज अड़े दानव मत आशा,
उनसे मन में रखना राम,
देखा है संयमित रावण,
ना रावण इन्हें समझना राम,
जब जलधि जड़ विनय न माना,
कैसा कोप किया जग जाना,
छोड़ धर्य कर न्याय कहाँ कब सठ विनती को माने मेरे राम जी,
कह दो कहाँ गए सब न्याय टाट में,क्यों गुमशुम खुद बैठे मेरे राम जी,
कह दो कहाँ गए सब न्याय टाट में,क्यों गुमशुम खुद बैठे मेरे राम जी।
!!! Madhusudan !!!
!! आप सभी को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनाये !!
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हम जलते जग रौशन करते,
दुनियाँ मुझको दीपक कहते,
क्या मुझसा तुम जल पाओगे,
दुनियाँ रौशन कर पाओगे,
बोलो ऐ इंसां स्वयं क्या मेरे जैसा बन पाओगे ?
क्यों नफरत का म्यान बने तुम,
इंसां से हैवान बने तुम,
दुनियाँ से तुम प्रेम मिटाकर,
क्या नफरत संग रह पाओगे,
बोलो ऐ इंसां स्वयं क्या मेरे जैसा बन पाओगे ?
!!! मधुसूदन !!!
!!दीपावली की ढेर सारी शुभकामनायें!!
myexpressionofthoughtsblog says
Lovely poem
Madhusudan Singh says
Thank you very much.
Jk Sharma says
Wonderful..
Madhusudan Singh says
Thank you very much.
Jk Sharma says
My pleasure…
aruna3 says
भगवान जी भी कलयुग की राजनीति का शिकार हो गये हैं।
Madhusudan Singh says
बिन राजनीत की कोई बात नही। फिर प्रभु राम जी अछूते कहाँ हैं। शासन करनेवाले शासन करते धर्म स्थल नही तोड़ते और आज के शासक राजनीत नही करते तो बात ही अलग थी।
aruna3 says
सही बात है।स्वागत है आपका।
VIJAY KUMAR SINGH says
बहुत सुंदर सृजन | अयोध्या में दीपावली |
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पसन्द करने के लिए।
Sikiladi says
Bahut prashansniye shabd likhe hain. Ati Uttam.
Madhusudan Singh says
आपकी सराहना हमारी प्रेरणा है। धन्यवाद आपका।
Sngms says
सुंदर रचना, दीपावली की शुभकामनाएं भाई💐💐
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Sunith says
Bahut badiya
Madhusudan Singh says
Dhanyawad Dost…Happy Dipawali.🙏🙏
Sunith says
Aapko bhi Dipawali ki der saari shubhkamnaaye 😊🙏
ShankySalty says
आपने तो मुझे भाव-विभोर कर दिया🙏
सुनते सब कुछ हो राम जी
पर कहते कुछ क्यों नहीं ओ राम जी
😐😐😐😐😐😐😐😐😐😐
Madhusudan Singh says
प्रभु राम रावण को भी बहुत समय दिए थे। ये अलग बात है कि हममें धर्य नहीं। धन्यवाद आपका सराहने के लिए।
Rahat Jahan says
मुझसे भी प्रिय जन को मन …बढ़िया पंक्ति !
Madhusudan Singh says
धन्यवाद आपका।
Aao Kuch Kahen says
*धैर्य
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं
Madhusudan Singh says
स्वागत आपका।