Beti ka Janm (Part1)
एक डाल पर गुलशन में दो कलियाँ है मुश्कायी,
बधाई हो बधाई घर में जुड़वा बिटिया आई।
बिन बिटिया का आँगन सुना,
बिन बहना के भाई,
बिन घरनि घर भूत बसे,
बहना बिन सुनी कलाई,
सावन था सुना बरसों से,
खुशियों की बरसात हुई,
दो पुश्तों के बाद जहाँ की,
रौनक घर में खास हुई,
खिला हुआ है चेहरा सबका गम की हुई बिदाई,
बधाई हो बधाई घर में जुड़वा बिटिया आई।1।
घर मेरे अब खुशियां होंगी,
जश्न मनेंगी सावन मे,
हाथों में चमकेगी राखी,
मेरी भी इस सावन में,
गुल्लक अपना मैं भी तोडूं,
रक्षा बंधन आने में,
बहना को नजराना दूंगा,
राखी को बंधवाने में,
कब बोलेगी बहना उत्सुक,
पाँच साल का भाई,
हाथ से अपनी माँ कब बहना,देगी हमें मिठाई,
बधाई हो बधाई घर में जुड़वा बहना आई।2।
काश ये खुशियां घर-घर होती,
बेटी को घर आने में,
नफरत कोई भेद ना होता,
बेटी को अपनाने में,
आज की दादी कल की बेटी,
पुत्रवधु से लड़ती है,
जन्म लिया बेटी घर मे तो,
मुश्किल जीना करती है,
बेटी ही बेटी का दुश्मन,
बहन प्रिये है भाई,
मगर जश्न इस घर मे,दादी की मन्नत फल लाई,
बधाई हो बधाई घर में जुड़वा बिटिया आई।3।
!!! मधुसूदन !!!
Simply superb !😊
Thanks for appreciation…
😊😊😊
bhut badiya…
jo bhi kahe kam hain …wah..
Sukriya aapka aapne padha aur saraahaa