SUKOON/सुकून

सुकून अगर दास होता महलों का,तो गरीबों का चेहरा नही चमकता,सुख गुलाम होता दौलत का,तो कभी गरीब नही हंसता,सदैव होती चिंता की लकीरें उनके चेहरे पर,मगर इनके चहरे पर ना भय,ना चिंता,ना ही गरीबी का दर्द झलकता,सिर पर झूला झूलते बच्चे,बाहों में बदहवास सोती जान,हाथों में कंगन,पैरों में पायल,वह कोई रानी से कम नहीं,ना ही […]

Posted in Hindi Poem, Jiwan DarpanTagged 11 Comments on SUKOON/सुकून

JIWAN

हैं रंग कई इस जीवन के,डूबे कुछ में कुछ छूट गए,हैं जश्न अलग हर आयु के,शामिल कुछ में कहीं चूक गए।आगे भी जश्न प्रतीक्षारत,कहे दिल शरीक हो जाऊं मैं,पर बांध कई जीवन नद में,जिससे नित ही टकराऊं मैं,टकराते तुम भी नित हर पल,सज बैठे ख्वाहिश के रथ पर,है झूठी शान,दुविधा गुरुर,बंधे जिसमें जलसों से दूर,है […]

Posted in Hindi Poem, Jiwan DarpanTagged 24 Comments on JIWAN

PATA NAA CHALA/पता ना चला।

ख्वाब कब अपने,अपनों के हो गए,पता ना चला।फिक्र में उन्ही के,कब जीवन ये ढल गए,पता ना चला।जीवन सफर में रहे दौड़ते हम,कदम कब रुके,पता ना चला।मालूम बुढ़ापा आना था एक दिन,बूढ़े हुए कब,पता ना चला।थी अपनों की बस्ती,बुलंदी पर जब थे,अकेला हुए कब,पता ना चला।अकेला हुए कब,पता ना चला।!!!मधुसूदन!!!

Posted in Hindi Poem, Jiwan DarpanTagged , 15 Comments on PATA NAA CHALA/पता ना चला।

MAUN/मौन

मौत अटल मरना है निश्चित, इससे सच्चा मीत नहीं, मगर मौत आने से पहले, इतनी चुप्पी ठीक नहीं| आ जो लम्हा शेष सफर का, हँसकर उसे गुजारे हम, मेरे यारा,मीत हमारे, जीवन सफल बना ले हम, नित्य रात फिर दिन होता है, सूर्य उदित होता छुपता है, यही सत्य है इस दुनियाँ का जीवन का […]

Posted in Hindi Poem, Jiwan DarpanTagged , 25 Comments on MAUN/मौन