Kisan ki Majburi/किसान की मजबूरी

Image Credit :Google टुकड़ों में खलिहान बंटा है खुशियाँ उनसे दूर लिखूँ हालत कैसी, छोड़ किसानी बन बैठे मजदूर, लिखूँ हालत कैसी। ख्वाब लिए ही सोते,जगते,ख्वाबों में ही पलते हैं, यौवन जल जाती है सपने कहाँ हकीकत बनते हैं, हो गई रोटी भी थाली से अब दूर,लिखूँ हालत कैसी, छोड़ किसानी बन बैठे मजदूर, लिखूँ […]

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Kisaan ki Byathaa

आज अन्नदाता किसान मानसून से जुआ खेलते-खेलते अपना धैर्य खोते जा रहे हैं।उनमें से अधिकतर कर्ज में डूब जानवर से भी बदतर जिंदगी जीने को बेबस हैं।उन्हीं किसानों की बिबसता दर्शाने का एक छोटा प्रयास—

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Bas kar Bhagwan/बसकर भगवान

!!!Image Credit : Google कुत्ता बनाना इंसान मत बनाना, हे प्रभु, अगले जनम में किसान मत बनाना। सच है गुनाहों की खेती सजा, प्रभु फिर ना देना तूँ ऐसी सजा, मर्जी तुम्हारी है कोई सजा दो, चाहे तो मुझको शूली चढा दो, मगर ख्वाहिशों का जहान मत जलाना, हे प्रभु, अगले जनम में किसान मत […]

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Mera Gaon/मेरा गाँव

Image credit: Google किन शब्दों में दर्द सुनाऊँ, हालत कैसे किसे दिखाऊँ, हाय दुर्दशा कृषक,खेत,खलिहान की, आकर देख दशा कैसी है मेरे गाँव की।2 फ़टी पाँव है धरा जेठ सी, चमड़े हो गए काले, पीठ,पेट सट एक हुए, फिर भी हिम्मत ना हारे, सींच खून से पौध उगाते, धूप में बदन जलाते, तब जाकर खलिहान […]

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Gaon aur Kisan  

Image credit: Google चल विकसित है कितना,अपना गाँव दिखाते हैं, हिम्मत है तो चल तुमको,शमशान दिखाते हैं| संसद में कुर्सी पर बैठे करते सभी लड़ाई, पाँच साल के बाद दिखाते, अपनी सब प्रभुताई, कागज़ पर क्या गाँव दिखाते, कृषक का बेहतर हाल दिखाते, रहमदिल हो कितने हमपर, झूठे तुम क्यों ख्वाब दिखाते, चल मुर्दों से […]

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Anndaata/अन्नदाता

गोरे बदन जब काले हो जाते, तन पर के कपड़े भी चिथड़े हो जाते, सूरज की ताप जब हार मान जाती है, तब जा के खेतों में पौध लहलाती है, तब जा के खेतों में पौध लहलाती है। खेतों में पौधों को सींचता है ऐसे, थाली में मोती सजाता हो जैसे, खून-पसीने से फसल जब […]

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Mahangayee Maar Gayi

Image Credit :Google *जून 2017 की हृदयविदारक सच्ची घटना पर आधारित कविता।* Click hear to read part-1 महंगी ने ली ली फिर से जान एक किसान की, महंगी ने ली ली फिर से जान एक किसान की, सचमुच में मुश्किल में है जान अब किसान की, महंगी ने ली ली फिर से जान एक किसान […]

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Phir Bebas Ek Kisan

Image Credit :Google *जून 2017 की हृदयविदारक सच्ची घटना पर आधारित कविता।* रात का गहरा अंधेरा,नर को एक तूफान घेरा, एक ऐसी रात आयी,देख ना पाया सवेरा।2 तीन एकड़ काश्तकारी, बाप ने दी जिम्मेवारी, चाँद सी दुल्हन मिली थी, चल रही थी बैलगाड़ी, दिन गुजरता बैल संग में, रात दामन चाँद संग में, रूखी-सूखी मेवे […]

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KISAAN KAA JEEVAN

भूख मिटाता कृषक जगत का,क़द्र ना उसका जाना रे, सदियाँ बीत गयी कितनी इंसान उसे ना माना रे| अतिबृष्टि और अनाबृष्टि के, साथ में लड़ता रोज किसान, मानसून भगवान् है जिसका, उसी ने कर दी मुश्किल जान, बिकसित देश की रेस में हम है, मंगल,चाँद की रेस में हम है, धड़कन बसती देश का जिसमें, […]

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