MAZDOOR/मजदूर

मजदूरों की ख्वाब,दशा,कैसी हालात सुनाएँ रे,कदम वहाँ चल देते उनकी रोटी जहाँ बुलाये रे |२तपती भट्ठी बदन गलाते,दो रोटी फिर मुँख में आते,अगर मिला मजदूरी निसदिनखुद-किश्मत वे खुद को पाते,मगर आज उस रोटी पर भीदेखो कैसी शामत आई,सुविधाओं का शोर बहुत,क्या साधन उनके दर तक आई?दिनकर उगता,चाँद निकलता,तम नागिन बन पल,पल डँसता,विवश छलकते आँसूं दर्द […]

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Majdoor Jag ki Shaan

Image Credit : Google सूटबूट है किसी के तन पर,कोई पहने फटी लिबास, सारे जग में दो जन देखे,सूट-बूट और फटी लिबास। मिहनत करता है जग सारा, सुटबूट और फटी लिबास, बाबू और मजदूर में बंट गये, सूटबूट और फटी लिबास एक गरजता सहता दूजा, सहता वह मजदुर बना, खून पसीने के बल उसके, ये […]

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