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ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा,
बाचल घर में नईखे एको अब छेदाम ये दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा।
आईल मोदीराज आईल,
वाहन के कानून बा,
कहीं न पकड़ा जाईब हमहुँ,
सुखल तन के खून बा,
निकलल देख राह में पुलिस के ई प्राण ये दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा।
ई तोहर कानून कठोर,
बदल गईल बा सबके बोल,
अलग-अलग प्रदेश उडईले,
ई कानून के खिल्ली तोर,
येह से नरम रहे अंग्रेजन के लगान ये दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा।
समझत बानी हमरे खातिर,
लईनी ई कानून जी,
देख के दुर्घटना ना बदलल,
हमरो अबतक धुन जी,
सबके आज जगईले तोहर ई विधान ये दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा।
दिहिं तनिका मोहलत हमपर,
रहम करिं सरकार जी,
बनवाईब सब कागज बानी,
हमहुँ कसुरवार जी,
अब हम पहिनब जूता,हेलमेट,हईं तैयार ये दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा,
ई चालान तोडलस सारा कीर्तिमान ए दादा।
!!! मधुसूदन!!!
छेदाम—-छेद वाले सिक्के
तोडलस– तोड़ दिया
बाचल—- बचा,शेष
नईखे—- नहीं है,
इस चालान ने तोड़ा सारा कीर्तिमान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
आया मोदीराज,आया
वाहन के कानून जी,
कहीं न पकडे जाएँ हम भी,
तन का सूखा खून जी.
निकला देख राह में पुलिस को अब प्राण ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
ये तेरा कानून कठोर,
बदल गया है सबका बोल,
अलग अलग प्रदेश उड़ाता,
इस कानून का खिल्ली तोर,(तुम्हारा)
इससे नरम रहा अंग्रेजन के लगान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
समझ रहें हम मेरे कारण,
लाये सख्त कानून जी,
देख के दुर्घटना ना बदला,
अबतक मेरा धुन जी,
सबको आज जगाया तेरा ये विधान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
दे दो थोड़ी सी मोहलत (समय)
अब रहम करो सरकार जी,
बनवाएंगे सब कागज़,
हैं हम भी कुसूरवार जी,
अब पहनेंगे जूता,हेलमेट हैं तैयार ये दादा
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
छदाम——बहूत पुराना सिक्का जो छेदवाला चलता था|
ShankySalty says
Kaash aap is poem ka Audio version publish krte……seriously bhaut acha lgta sun k😂😂😂
1st time aapki Bhojpuri lines v padhh lii😁😁😁
Bhaut hi badhiya👍
Madhusudan Singh says
हा हा हा। डॉक्टर साहब निमिष की कविता पढ़ी और एकाएक विचार आ गया। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
aruna3 says
बहुत खूब।
Madhusudan Singh says
पुनः धन्यवाद आपका। भोजपुरी स्वाद।
aruna3 says
स्वाद तो अच्छा है-😊स्वागत है आपका।
Madhusudan Singh says
☺️
Madhusudan Singh says
🙂
aruna3 says
I like Bhojpuri language😊
Rajiv Sri... says
कमाल कर देनी गुरू..!👌🏻👌🏻
मजा आ गईल..!!😊
हमहूँ एगो भोजपुरी में कोशिश करऽब..!🙏🏻
Madhusudan Singh says
एक दम। इंतजार रही। कोशिश जरूर कामयाब होई। बढ़िया लागल जान के की मजा आईल पढ़ के। 👏👏
Sngms says
हमहू अपने सद्गुरु का समर्पित कुछ गीत लिखल बानी, देखो हमहू डालब
Madhusudan Singh says
बहुत बढ़िया। इंतजार करब।☺️👍
Sngms says
😊
Sngms says
का बात बा,मस्त
Madhusudan Singh says
हा हा हा।😀
Nimish says
Aag laga denge aag laga denge UP Bihar wale
😀
Dekhte rah jayenge angrezii batiyaney wale 😀 😀 😀
Apni bhasa mast hai …phaltu ka dikhawa , excuse me aur showbaazi nahi guru
Madhusudan Singh says
हा हा।😀
जोश से भरपूर। बहुत खूब।
हिंदुस्तान में रहते गर्व से
कहते खुद को हिन्दुस्तानी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
कदम-कदम पर खान-पान,
हर कदम अलग सा भाषा है,
रंग बिरंगे उत्सव का संगम,
भारत कहलाता है,
उन्नीस सौ उन्चास में आकर
हिंदी को सम्मान मिला,
संविधान भारत का इसको,
राष्ट्रभाषा स्वीकार किया,
हम उन्नीस सौ तिरपन से तब
हिंदी दिवस मानते हैं,
भारत के सब फूल जोड़कर,
माला एक बनाते हैं,
मगर दुःख इस भाषा को है,
अपने ही रखवालों से,
पूछ रही है प्रश्न कई ये,
अपने ही घरवालों से,
विकसित अंग्रेजी के संग,अविकसित कैसे हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
उपमा,अलंकार और छंद,
हिंदी के हैं रूप अनंत,
रस से भरी है हिंदी रानी,
कहाँ है इतनी मीठी वाणी,
मगर फूहड़ता इंग्लिश देखो,
सब की बन बैठी है रानी,
भूल गए हम शिष्टाचार,
हेलो, हाय में बिछड़ा प्यार,
आओ खुद पर गर्व करे हम,
विकसित कैसे आ समझे हम,
आओ मिलकर हमसब बोले,अब से अपनी हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे,गौरवान्वित है इंग्लिश वाणी।
सब देशों को गर्व जगत में,
अपनी-अपनी भाषा पर,
हम इतराते बोल-बोल,
उस सौतन इंग्लिश भाषा पर,
फ्रेंच बोलता फ्रांस,
जर्मनी को अपनी भाषा प्यारी,
रशियन रुसी भाषा बोले,
चीनी को चीनी प्यारी,
सब कुछ देख के अज्ञानी
हम हिंदी नहीं समझते हैं,
पश्चिम की भाषा पर कैसे,
हम इतराते रहते हैं,
आओ प्रेम वतन से कर लो,
रोटी यहीं की खाते हम,
क्यों अंग्रेज बने फिरते,
आ हिंदी जश्न मनाले हम,
हेलो, हाय छोड़ जुबाँ से बोल नमस्ते हिंदी वाणी,
हिंदुस्तान में रहकर कैसे गर्व करें हम इंग्लिश वाणी|
!!! मधुसूदन !!!
Sngms says
बेहतरीन कृति👌
Sngms says
बहुत सुंदर . 🙏😊
Madhusudan Singh says
धन्यवाद भाई पसन्द करने के लिए।👏👏
Sngms says
आप बिहार से है क्या?
Madhusudan Singh says
बिहार,झारखंड दोनों से।
Sngms says
Tbhi to apko bihari aati h
Madhusudan Singh says
आप कहाँ से हैं?
Sngms says
उत्तर प्रदेश से
Madhusudan Singh says
बढ़िया।
अपना उत्तरप्रदेश।
जहाँ कण-कण में कृष्ण,
जहाँ कण-कण में राम,
जहाँ कण-कण में बसते महेश,
वो है उत्तरप्रदेश,अपना उत्तर प्रदेश।
जहाँ राधा का वास,
जो माँ सीता का खास,
जिसका मिथिला,बिहार से है नेह,
वो है उत्तरप्रदेश,अपना उत्तरप्रदेश।
द्वार दक्षिण का देखो अवध से जुड़ा,
भूल पायेगा कैसे कहो द्वारका,
गर्व हमको जो
माटी है अपना गुमान,
जिस मिट्टी में गीता,
रामायण,पुराण,
वहीं मिटता निशान,
गुम बैठे हैं राम,
चुप हलधर के संग में देवेश,
हाय उत्तरप्रदेश,अपना उत्तरप्रदेश।
Sngms says
अरे वाह! सर जी बहुत सुंदर कविता लिखा हमारे उत्तर प्रदेश पर। दिल से आभार आपको 🙏😊, बहुत सुंदर और सच्ची बातें लिखा जी
Madhusudan Singh says
जैसे ही उत्तरप्रदेश लिखा देखा,बस लिखा गया।धन्यवाद तो आपको देना चाहिए क्योंकि आपके कारण एक कविता बन गई। धन्यवाद आपका।🙏🙏
Sngms says
You’re Really Great Sir,most welcome 🙏😊
Rahat Jahan says
बहुत ही बढ़िया इससे नरम रहा अँगरेज़ो के लगान ये दादा !बढ़िया अति उत्तम !सरकार की खिल्ली और साथ ही आर्थिक मंदी पर कटाक्ष भी एक तीर से दो निशाने 👌
Madhusudan Singh says
Bahut bahut sukriya apka ……bahut logon ko chhedaam ka matlab aur ghar men shesh rupaye nahi bacha se chhut rahi naukri ko darshate shabdon ki samajh nahi aa rahi hogi….jabki baar baar darshaayaa gayaa hai……apne mandi ki wor kiye gaye ishaare ko samjha iske liye punah dhanyawad apka.
Rahat Jahan says
😊🙏🙏🙏
Madhusudan Singh says
🙏🙏🙏
Ameet Kothari says
Dada will have to reread it atleast 5 6 times to understand it…
Madhusudan Singh says
Haa…Haa Haa……Bhojpuri bhasha men maine likhne kaa prayas kiya hai esey hindi men likh raha hun shayad aapko samajh aaye……….
इस चालान ने तोड़ा सारा कीर्तिमान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
आया मोदीराज,आया
वाहन के कानून जी,
कहीं न पकडे जाएँ हम भी,
तन का सूखा खून जी.
निकला देख राह में पुलिस को अब प्राण ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
ये तेरा कानून कठोर,
बदल गया है सबका बोल,
अलग अलग प्रदेश उड़ाता,
इस कानून का खिल्ली तोर,(तुम्हारा)
इससे नरम रहा अंग्रेजन के लगान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
समझ रहें हम मेरे कारण,
लाये सख्त कानून जी,
देख के दुर्घटना ना बदला,
अबतक मेरा धुन जी,
सबको आज जगाया तेरा ये विधान ये दादा,
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
दे दो थोड़ी सी मोहलत (समय)
अब रहम करो सरकार जी,
बनवाएंगे सब कागज़,
हैं हम भी कुसूरवार जी,
अब पहनेंगे जूता,हेलमेट हैं तैयार ये दादा
घर में शेष नहीं है एक भी अब छेदाम ये दादा|
छदाम——बहूत पुराना सिक्का जो छेदवाला चलता था|
Ameet Kothari says
Now it is understood
Madhusudan Singh says
You tried to understand. Thank you Dada.