Dahej/दहेज
दहेज
हमारे समाज का एक ऐसा कोढ़,
जिसका दंश नारियाँ,
बहु रूप में सारी जिंदगी झेलती है
बावजूद
दहेज की लोभी ज्यादातर
नारियाँ ही होती हैं,
शायद तभी
ससुर-पुतोहु, देवर-भाभी की जंग न के बराबर
तथा
सास-बहू,ननद-भौजाई की जंग अक्सर
सुनने को मिल जाता है,
जागो नारियों,बस करो,
खुद से खुद पर अत्याचार बंद करो।
!!!मधुसूदन!!!
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सही नब्ज पकड़ी है सर आपने
ha ha……sukriya apne pasand kiya aur saraha.
सटीक
Sukriya Ashok ji.
Sach!
sukriya apka.
Bhut badiya likha hai sir ,,,,Sahi baat hai aurat hi aurat ki dushman hoti hai ,,agar family k bade hi mana krdege dahej nhi chaiye so lena dena band ho jayega khud hi
मेरे समझ से लड़कियों को भी उतना ही हक है जितना लड़कों को।पिता अगर अपनी बेटी और दामाद को कुछ देता है तो बुराई नही मगर मांग किया जाए और बहू को परेशान किया जाय दहेज के लिए वह गलत है जो कि औरतों द्वारा ज्यादा होती।सुक्रिया अपने पसन्द किया और सराहा।
Sir sahi baat kahi आपने , बात सोच की है
बहुत बढ़िया ….सही लिखा
धन्यवाद आपका।
बिमारी की असली नब्ज पकङी है आपने। जिस दिन नारी पर होने वाले अत्याचार में नारी संलिप्त नहीं होगी 70 – 80% अत्याचार समाप्त हो जायेंगे।
ji sukriya sir apne pasand kiya aur sarahaa..
Welcome
सच लिखा है आपने
dhanyawad mitra.
Nice hai