अपने सात साल के छोटे बच्चे का बेरहमी से कत्ल किये जाने के बाद तड़पती एक बेबस माँ जिसके दर्द को शब्दों में बयान करना तो मुश्किल फिर भी एक छोटा प्रयास—-
अब तो नींद नहीं है आती,
यादें सारी रात जगाती,
आयी नींद अगर तो,लल्ला की आवाज आई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
आँखों से है अश्क छलकते,
लतपथ खून में लाल तड़पते,
कहता आ माँ जान बचाले,
अपने लाल को गले लगा ले,
खुलती आँख अचानक,कैसी चीख-पुकार आई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
दौड़ के दरवाजे पर जाती,
रो-रोकर आवाज लगाती,
आधी रात को दौड़ गली में,
सन्नाटे में आग लगाती,
हाय कहाँ गया लल्ला,तेरी आवाज आई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
रोज के जैसे टिफिन सजाती,
लल्ला उठ आवाज लगाती,
रोती फफक-फफक फिर घर में,
एक निवाला ना खा पाती,
घर, मरघट के जैसा,कैसी ये हालात आई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
छाती पिट-पीटकर रोती,
अश्को से आंचल को धोती,
कैसी हालत होगी लल्ला,
चाकू जब गर्दन पर होगी,
कितना तड़प-तड़पकर लल्ला,तूने जान गवांई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
कैसे इतराकर चलता था,
निसदिन बाय माँ कहता था,
वापस आने की बेला में,
धड़कन गली में ही रहता था,
हाय इंतजार में रब ने,कैसी आग लगाई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
कैसे तुमको लाल भुलाऊं,
कण-कण में तुमको ही पाऊं,
खेल-खिलौने,जूते, कपड़े,
सब में तेरी धड़कन पाऊं,
जिंदा मार दिया संग तेरे,कैसा बना कसाई है,
मुझे बचा ले माँ मुश्किल में जान आई है।2
!!! मधुसूदन !!!
Sandhya Pandey says
nih shabd hun mai iss vyatha ko ujagar karne me..!!
bht hi maarmik..!
"प्रणवाक्षर" says
Dil dahla diya. Bahut hi marmik
Madhusudan says
Sukriya apne padha aur sarahaa..
✍पवन 💓💕 says
अश्रुपूरित नयनों से श्रधांजलि
Madhusudan says
धन्यवाद अपनी सम्बेदना ब्यक्त करने के लिए।
ankurchaudhari says
Bahot khub likha he….sidhe Dil tak pacha
Madhusudan says
Bahut hi marmik aur dil ko chhu lenewaali ghatnaa hai…jitna bhi likha jaaye kam hai….sukriya apne dars.ko samjha aur apni bhaawna byakt kiya….
pandeysarita says
बहुत ही मार्मिक !मधुजी
Madhusudan says
मैं क्या किसी के पास भी वो शब्द नही जो उनकी भावनाओं को ब्यक्त कर सके।फिर भी जितना हो सका लिखने का प्रयास किया। आपके दिल को छू गया और आपने अपनी सम्बेदना ब्यक्त की बहुत बहुत धन्यवाद सरिता जी।
pandeysarita says
जी मधुजी ,किसी और के दुखः को आपने बहुत ही अच्छे ढ़ग से अपने शब्दों में उतारा है।तो आपकी तारीफ होनी ही चाहिए।
Madhusudan says
बहुत बहुत सुक्रिया सरिता जी।
shubhankarthinks says
Maa ki God AB kaun bhrega !
Kuch vapas nhi a skta 😐😐
Ye SB kuch krurtam shreni Mei ATA Hai
Madhusudan says
बिल्कुल शुभांकर जी—कुछ भी लिखा जाए कम है।दर्द का अंत कहां।
shubhankarthinks says
Haan smjh nahi a RHA logon ki mentality jaa kaha rhi Hai
Sb kuch smjh SE pare Hai
Madhusudan says
सुक्रिया शुभांकर जी अपने कीमती विचार ब्यक्त करने के लिए।
shubhankarthinks says
🙏🙏
Madhusudan says
🙏🙏🙏