Intejaar Sawan ka
आया सावन हम सब रहते जिसके इंतजार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|
नैन किसी की सावन के संग,
झर-झर बहते रहती है,
कब आएंगे बालम उसकी,
पल-पल राह निरखती है,
सखियाँ झूले नीम की डाली,
गीत सुनाती सावन के,
कोई सजकर द्वार खड़ी है,
इंतजार में बालम के,
साजन आये खुशिया लाये सावन के इस माह में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|1
बाबा के दरबार की महिमा,
सावन में बढ़ जाती है,
भाई-बहन का पर्व अनोखा,
सावन में ही आती है,
फूल खिले उपवन के सारे,
खेतो में है हरियाली,
ताल,तलैया,कूप भरे सब,
गांव,शहर है खुशहाली,
मोर,पपीहा मस्त मगन गोरी,बालम के प्यार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|2
सावन की रिमझिम बूंदे,
तन,मन मे जोश जगाती है,
भूमंडल की सुप्त पड़ी,
हर कण में जीवन लाती है,
सावन की बुँदे टकराती,
खिड़की,चौखट,आँगन से,
भरी प्याली मय की छलके,
मदिरालय सी दामन में,
छत रिसती तन फर्श अचेतन,बिछ जाती है प्यार में,
रंग-बिरंगी खुशियां सारी,सिमटी है इस माह में|3।
!!! मधुसूदन !!!
हर बार की तरह एक और बेहतरीन पोस्ट ह
Dhanyawaad apkaa…
बेहतरीन
sukriyaa apkaa….
बहुत बढिया । आया सावन झूम के
धन्यवाद आपने पसंद किया।
Intejaar sawan ka .. nice one enjoyed reading it
Thanks for appreciation….
Nice one sir
Thank you very much….
Loved it.❤
Thank you very much…
Lovely poem
Dhanyawad apka…..
Bahut hi khub likha hai aapne sir
Simti padi hai sari khushiya is swan mai…
Dhanyawaad apne pasand kiya…
Bahut hi sundar….👌👍
Dhanyawaad pawan ji…
Hardik abhinandan and Sadhuwad 🙏