Khwahish/ख्वाहिश
हमारे एक प्रिय ब्लॉगर Padmaja ramesh जी की रचना से प्रभावित होकर लिखी गई रचना–
विस्मृत ना होती यादें और पल गुजरे वापस आ आते,
काश कि हम बच्चे बन जाते,काश कि हम बच्चे बन जाते।
है ख्वाहिश फिर से पढ़ने की,यारों संग मस्ती करने की,
था नही बदलना कुछ विशेष,करते जो छूट गया है शेष,
नाना,नानी का सत्य स्नेह,पाते पापा का वही प्रेम,
माँ का फिर से पाते ममत्व,जो बोधहीन समझे ना तत्व,
फिर रूठते हमें मनाती माँ,हँसने से हमें मुस्काती माँ,
हम जिसे रुलाए कल अबोध,उसको सुकून दे पाते,
काश कि हम बच्चे बन जाते,काश कि हम बच्चे बन जाते।
ख्वाहिश कुछ और ना करने की,हमसफ़र को नही बदलने की,
फिर यही हमारा पूत होता,सोचो कैसा तब सुख होता,
कुछ नही बदलना दशा,हाल,कायम रखना है शर्म,लाज,
माना गर ऐसा हो जाए,हमसब गर बच्चे हो जाएं,
आ जाए फिर से वही वक़्त,चिट्ठी पत्री का पुनः चक्र,
तुम दूर कहीं,हम दूर कहीं,मिल पाने से मजबूर कहीं,
फिर से अपनी शादी होगी,जो हुआ कभी क्या तब होगी,
हम तुम बिन क्या जी पाएंगे,यादों से निकल क्या पाएंगे,
खो जाएंगे सब मीत,सखा,जो मिले हैं कम सौभाग्य है क्या?
तब और अधिक गम पाएंगे,जब हम बच्चे बन जाएंगे,
ना,नही पुनः बच्चा बनना,हूँ जैसा वैसा ही रहना,
जो शेष बचे पल जीवन के,उस पल का लुत्फ उठाएंगे,
जो जिया नही है जीवन में,वो औरों को दे जाएंगे,
है नही गिला इस जीवन से,ना ख्वाब हृदय में लाते,
काश कि हम बच्चे बन जाते,काश कि हम बच्चे बन जाते।
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🙌🏻🙌🏻🙌🏻🙌🏻✨✨bahut khub
Bahut bahut dhanywad apka.
🤝🏻
भावपूर्ण सुंदर रचना👌👌🙏🙏🌻
पसन्द करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏
That’s a great one Madhusudan ji
बहुत बहुत धन्यवाद भाई। बहुत दिनों बाद दर्शन!
उम्मीद ही सकुशल होंगे।
जी भाई, सकुशल हूं। थोड़ी व्यस्तता बढ़ गई है। ख़ैर, सोचा है अब कुछ समय निकालूंगा!
आप कैसे हैं?
हम भी सकुशल हैं। आपसभी बहुत याद आते हैं। आपकी व्यस्तता हमें भी व्यस्त कर दिया और मेरा भी आना जाना यहाँ न के बराबर रहा। खैर,आईये। शायद मेरा भी हाथ पैर चलने लगे आपके आने से।🙂
बहुत सुंदर।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Badhiya ati sunder
समयाभाव के बावजूद झलक दिखलाना मायने रखता है। धन्यवाद।
थोड़ी सी भावुक है लेकिन प्रेम रस से सराबोर है आपकी पंक्तियाँ❤❤❤❤❤❤
धन्यवाद। प्रत्येक जगह उपस्थिति दर्ज करना आसान नही। मगर कोई आपसे सीखे।
बहुत ही सुन्दर भावपूर्ण कविता भाई साहब,,,,
धन्यवाद मित्र। कभी कभी बन जाती है भावपूर्ण।
आपको पसंद आया मतलब लिखना सार्थक हुआ। क्योंकि विषय आपका था और दिल को कुरेदने वाला विषय था। सहृदय धन्यवाद।🙏🙏
Thanks for writing this poem. Congratulations 👏👏👏🎉
Kudos to your talent and effort 👏👏🙏👍