हम कलि हैं बचा लो चमन के तेरे,
वरना खिलने के पहले बिखर जाएंगे,
हम भी हैं इस जहां की तुम्हारे वतन,
तेरे क़दमों में सिर अपना रख जाएंगे ।।
बस करो जातियों में ना बांटों हमें,
धर्म का पाठ अब ना पढ़ाओ हमें,
एक धरा,एक वतन,एक इंसान हम,
प्रेम की हम किरण प्रेम की शाम हम,
बस करो नफरतों की हवा मत चला,
डालियों में उलझकर के झड़ जाएंगे,
हम कलि हैं बचालो चमन के तेरे,
फूल खिलने के पहले बिखर जाएंगे ।।
रक्तरंजित सिंघासन है हम जानते,
रक्त की प्यास इसको है हम मानते,
वेवफा है मगर इसको पहचान लो,
इसके झांसे में अब ना मेरी जान लो,
ये किसी की नहीं जिसके पीछे पड़ा,
कितनो को इसने छोड़ा मगर तू अड़ा,
इसके चंगुल में आकर सता ना हमें,
जान तेरी हैं हम अब किधर जाएंगे,
हम कलि हैं बचा लो चमन के तेरे,
फूल खिलने के पहले बिखर जाएंगे।।
देख हिंदी हैं हम हिंदुस्ता की कसम,
तेरी गम को ख़ुशी में बदल जाएंगे,
जान कुछ भी नहीं इतना प्यारा वतन,
तेरी क़दमों में सिर अपना रख जाएंगे,
हर सितम हम सहें, उफ़ तक ना करें,
क्या कहें प्यार हम तुमसे कितना करें,
गर्व से हम कहें हिन्द मेरा वतन,
फिर भी लगता हमें हिन्द के हैं ना हम,
स्वार्थ की बेदियों की बलि ना चढ़ा,
राख ही राख दुनियाँ में रह जाएंगे,
हम कलि हैं हमें तुम बचालो वतन,
वरना खिलने के पहले बिखर जाएंगे।।
!!मधुसूदन !!!
Rachana Dhaka says
beautiful words Sir!!
Madhusudan Singh says
Bahut bahut dhanywad Rachna ji.
Rachana Dhaka says
ap bahut achchha likhte h sir!!
Madhusudan Singh says
वो तो आप सब कह सकते हैं। हम तो आपसबों को पढ़ते और लिखते हैं।पुनः धन्यवाद रचना जी।
Rachana Dhaka says
nahi sir hame bahut kuchh seekhne milta hai aapse
Madhusudan Singh says
मेरा सौभाग्य है यह। स्वागत आपका।
Md Danish Ansari says
bahut sahi bayan kiya hai apne
Madhusudan Singh says
Sukriya aapka…
रजनी की रचनायें says
बहुत खूब बहुत ही अच्छा लिखा है।
Madhusudan Singh says
धन्यवाद आपको आपने पसंद किया।
WordsOfDepth says
Bhut acha…
Jai Hind
Madhusudan Singh says
Jai Hind…..dhanyawaad aapka.
Confused Thoughts says
Bhut Sahi inspiration hain Bharat ke liye !
Kli hain hm bikhar jayenge
Bhut khoob
Madhusudan Singh says
Sukriya aapko kavita pasand aayee
✍पवन 💕💞 says
देख हिंदी हैं हम हिंदुस्ता की कसम,
तेरी गम को ख़ुशी में बदल जाएंगे,
जान कुछ भी नहीं इतना प्यारा वतन,
तेरी क़दमों में सिर अपना रख जाएंगे…!
अद्वितीय पंक्तियाँ कविवर
Madhusudan Singh says
धन्यवाद पवन जी आपको कविता पसंद आयी।
Rekha Sahay says
खिलने के पहले बिखर जाएंगे,
ठीक लिखा है आपने.
Madhusudan Singh says
Dhanyawaad apka..