Mere Shyam/मेरे श्याम
जिनके होने से ही होती है विहान,
वो मेरे श्याम साँवरे,
जिनका नाम जपूं हर पल मैं शुबहों-शाम,
वो मेरे श्याम साँवरे।
प्रेममय थिरकती मीरा,मोहन मानो साथ में,
दे दिया था प्याला विष का राणा उनके हाथ में,
माहुर बना दिया था सुधा के समान,
वो मेरे श्याम साँवरे,
जिनके होने से ही होती है विहान,
वो मेरे श्याम साँवरे।
सन्धि का प्रस्ताव ले आये कौरव के सामने,
उल्टा चला दुर्योधन अजया को ही बांधने,
विस्तृत रूप किया सिर छूता आसमान,
वो मेरे श्याम साँवरे,
जिनके होने से ही होती है विहान,
वो मेरे श्याम साँवरे।
विप्र सुदामा दिन अभाव में गुजारते,
सखा श्रीहरि का उनको कौन नही जानते,
आए द्वार दिया था धन का पारावार,
वो मेरे श्याम साँवरे,
जिनके होने से ही होती है विहान,
वो मेरे श्याम साँवरे।
नाम है सहस्त्र उनके लोग सभी जानते,
अलग-अलग नाम से उन्हीं को सब पुकारते,
गीता ज्ञान दिया खुशकिस्मत ये जहान,
वो मेरे श्याम साँवरे,
जिनके होने से ही होती है विहान,
वो मेरे श्याम साँवरे।
!!!मधुसूदन!!!
Very nice and thought full lines on lord shyam sanware.
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।
बेहतरीन पंक्तियाँ ❤
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
very beautiful poem sir. There is nothing without god
Bahut bahut dhanyawad apka pasand karne ke liye…… Bahut dino baad aapkaa aanaa huaa…..Ishwar aap sabhi ko swasthya,nirogi evam sukhi rakhe.
Thank you sir. Wish to be regular now. Hope all good at your end ..
Sundar bhagwat bhajan 👌🏻👌🏻👌🏻🙏🏻
धन्यवाद मित्र।🙏
बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति👌
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।🙏🙏
बेहतरीन कविता। 👌👌💐
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
अद्भुत 😍
धन्यवाद सराहने के लिए।
बहुत खूबसूरत अभिव्यक्त किया है 😊
पसन्द करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।🙏
Nice
Thanks.
Sundar rachna.
Bahut bahut dhanyawad.