Image Credit : Google हम उसे ढूँढ लूँ दुनियाँ में जो हमसे भूल गया, हम उसको कैसे ढूँढ सकें जो मुझको भूल गया। आँखों का कह दें धोखा या है दुनियाँ का दस्तूर, पलकों पर रहनेवालों का दुर्लभ चरणों का धूल, जीवन अर्पण कर दी जिसपर ओ मंज़िल छूट गया, हम उसको कैसे ढूंढ सकें जो मुझको भूल गया। सब ...