Quote.17 December 3, 2017 Madhusudan SinghShare this:TweetLike this:Like Loading...Most VisitedPost navigationPrevious: Maa-Beti/माँ-बेटीNext: Quotes..194 Commentsबढ़िया बात कहीLoading...Replyswagatam.Loading...Replyसर लोगों को अपने पर दादाओं के नाम भी याद नही रहते लेकिन पूर्वज हम किसी को भी मान लेते ,क्या ये दोहरा चरित्र नही हमारा ।Loading...Replyसही कहा आपने।मगर सभी मजबूर हैं।Loading...ReplyYour Feedback Cancel reply
सर लोगों को अपने पर दादाओं के नाम भी याद नही रहते लेकिन पूर्वज हम किसी को भी मान लेते ,क्या ये दोहरा चरित्र नही हमारा ।Loading...Reply
बढ़िया बात कही
swagatam.
सर लोगों को अपने पर दादाओं के नाम भी याद नही रहते लेकिन पूर्वज हम किसी को भी मान लेते ,क्या ये दोहरा चरित्र नही हमारा ।
सही कहा आपने।मगर सभी मजबूर हैं।