Dosti/ दोस्ती

Happy Friendship day. जितना सोचूं, जितना याद करूं,दिल उतना ही विस्तार लेता,प्रेम से लबालब,असीमित,अथाह,पाने को सानिध्य,उठती जिसमें प्रेम की ऊंची ऊंची लहरें,किस किस ने ऐसा पारावार देखा।दौलत अकूत कहींदाने दाने को मोहताज,दोस्ती की देते जिसकी सभी ही मिसाल,वो ना मैं सुदामा,ना ख्वाहिश उस श्याम की,आप मिल गए शायद कृपा है प्रभु राम की,गंगा सा निर्मल,सावन […]

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MURLIDHAR/मुरलीधर

नटखट,बाल-गोपाल कहे कोई तुमको चितचोर,2बता किस नाम से तुझे पुकारूँ,तूँ देखेगा मेरी ओर।मात,पिता जहाँ कैद जेल मेंजड़ें सात थे ताले,वैरी था महिपालसजग उसके लाखों रखवाले,तेरे आते खुल गए ताले,सो गए नींद में प्रहरी सारे,अचरज ही अचरज तेरीदृष्टि होती जिस ओर,मातम मथुरा जश्न नन्द घर बाजे डमरू ढोल,बता किस नाम से तुझे पुकारूँ,तूँ देखेगा मेरी ओर।आज […]

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KANHA/कान्हा

मैं मानव हूँ क्षुद्र जनम से,ज्ञानेश्वर दो ज्ञान की शक्ति,हूँ पापी मैं सच जितना उतनी ही सच्ची मेरी भक्ति।ईर्ष्या,द्वेष,कपट,छल मुझमें,प्रेम सरोवर भर दो तुममैं कान्हा दुर्योधन जैसा,अर्जुन मुझको कर दो तुम,मैं हूँ क्षुद्र,नीच,पापी जन,सब माया तेरी यदुनन्दन,हे कृष्ण,हरि,कमलनाथ दे,इस माया से हमें विरक्ति,हूँ पापी मैं सच जितना उतनी ही सच्ची मेरी भक्ति।तेरा ही सब मैं […]

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Mere Shyam/मेरे श्याम

जिनके होने से ही होती है विहान,वो मेरे श्याम साँवरे,जिनका नाम जपूं हर पल मैं शुबहों-शाम,वो मेरे श्याम साँवरे।प्रेममय थिरकती मीरा,मोहन मानो साथ में,दे दिया था प्याला विष का राणा उनके हाथ में,माहुर बना दिया था सुधा के समान,वो मेरे श्याम साँवरे,जिनके होने से ही होती है विहान,वो मेरे श्याम साँवरे।सन्धि का प्रस्ताव ले आये […]

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SANDESH/संदेश

कितने विवश थे सिंघासन और हस्तिनापुर से बंधेभीष्म,द्रोण,कृपाचार्य,अश्वस्थामा जैसेपरमशक्तिशाली महापुरुष,और महर्षि विदुर जैसेमहाज्ञानी भी,जो स्वयं को मिटा तो सकते थे, मगर अपने वचनों से पीछे हटना नामुमकिन।वे अपनी आँखों कुल का अपमान होते देखते रहे,गलत था दुर्योधन,पुत्रमोह से ग्रसित थे धृष्टराष्ट्र,शकुनि की कुटिलता,कर्ण की सोच,सब समझते हुए भी विवश,अधर्म संग रहते रहे,और अंत में वही […]

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KRISHNA/कृष्णा 7

Image Credit : Google Click here to Read part..6 आज द्वारिकाधीश जश्न में आए मित्र सुदामा जी, स्व आसन स्थान दिए सकुचाये मित्र सुदामा जी, देख सखा की दीनदशा अक्षि-जलधि का द्वार बना, हाथ परात लगाए नहीं अखियन से अश्रु धार बहा, चरण पखारे अश्रुजल से विह्वल मित्र सुदामा जी, आज द्वारिकाधीश जश्न में आए […]

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HEY PRABHU/हे प्रभु

Image Credit : Google हे मुरली,मनोहर,सुदर्शन, किस नाम से तुझे बुलाऊँ मैं, हे जगन्नाथ,हे कमलनयन, किस तौर से तुझे रिझाऊँ मैं। मैं कृष्ण कहूँ या गोवर्धन, माधव बोलूँ या कंजलोचन, तुमको मैं माखनचोर कहूँ, या गोकुल का चितचोर कहूँ, हे पद्मनाभ,हे मुरलीधर, मधुसूदन,हरि,सुमेध कहूँ, हे देवकीपुत्र,यशोदानंदन, हे दयानिधि, हे ज्ञानेश्वर, हे निर्गुण,विष्णु,विश्वमूर्ति, किस तौर से […]

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KARAGRIH PART..3

Click here to read part..2 Image Credit : Google भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि की काली अंधेरी आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में मथुरा के महा अत्याचारी राजा कंस के कारागृह में वसुदेव की पत्नी एवं देवकी के गर्भ से एक बालक का जन्म हुआ,जिसे हम भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं। “आखिर हम उन्हें भगवान क्यों ना […]

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Kaaraagrih (Part-2)

Click here to read part..1 कारागृह में जन्म लिया,उसकी हम कथा सुनाते हैं, कृष्ण,कन्हैया,गोवर्धन भगवान की गाथा गाते हैं। गोकुल में है जश्न, नंद के घर में लल्ला आया है, मातम कारागृह में छाया, कंस द्वार पर आया है, सात-सात संतानों को, कैसा मामा जो मार दिया, अष्टम उसका काल है जन्मा, आहट उसने जान […]

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KRISHNA-SUDAMA MILAN/कृष्ण-सुदामा मिलन 6

Click here to read part..5 Image Credit :Google एक परम-ज्ञानी बना दीन की कहानी, द्वार,द्वारिकापति का पूछे जाए रे, हरे कृष्ण,हरे कृष्ण गुहराये रे। दिखे कोई ना गरीब सभी दिखते अमीर, धाम द्वारिका में किसी का ना चेहरा मलिन, वहाँ कौन ये दरिद्र चला आए रे,हरे कृष्ण,हरे कृष्ण गुहराये रे। द्वार खड़ा द्वारपाल देख उठते […]

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SUDAMA KATHA/सुदामा कथा 5

Image Credit : Google Click here to read part…..4 हरे कृष्ण,हे कृष्णा,कृष्णा,भजता विप्र सुदामा, चलता जाए रे,चला द्वारकाधाम, रटन लगाए रे,हे कृष्णा हे श्याम,कहता जाए रे। शिक्षा गुरुकुल पूर्ण हुआ था बिछड़ गए दो मित्र, एक द्वारिकाधीश बने थे दूजे बन गए विप्र, एक की रानी,पटरानी संग भरा अन्न भंडार, दूजे के घर सुन्न रसोई,भूख […]

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KRISHN-SUDAAMA/कृष्ण-सुदामा 4

Image Credit-Google Click here to Read Part..3 हरे कृष्ण,हे कृष्णा,कृष्णा,भजता विप्र सुदामा, चलता जाए रे,चला द्वारकाधाम, रटन लगाए रे,हे कृषणा हे श्याम,कहता जाए रे। प्रभु कृष्ण के सखा सुदामा थे बचपन के मित्र, सखा हित मे त्याग किए और बन बैठे थे विप्र, भीख मांग परिवार चलाते, दिल में बसते श्याम, सवा सेर ही अन्न […]

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Karaagrih

कारागृह में जन्म लिया, उसकी मैं कथा सुनाता हूँ, कृष्ण,कन्हैया,गोवर्धन भगवान की कथा सुनाता हूँ। सात-सात थे दरवाजे, जिनपर थे ताले जड़े हुए, एक से बढ़कर एक जहाँ पर, पहरेदार थे खड़े हुए, ऐसे कारागार में बन्दी, मात-पिता जंजीरों में, कैसा वह इंसान गर्भ में, क्या लिखा तकदीरों में, दुश्मन कैसा मथुरा का वह, शक्तिशाली […]

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