PUKAAR/पुकार

हे माँ मेरी सर्वेश्वरी,गौरी,सती,कात्यायनी,हे माँ भवानी,अम्बिका,हे दक्षयज्ञविनाशिनी,माँ कर रहे हैं गुहार सुन,माँ बेबसी,चीत्कार सुन,सुन जन पड़े असहाय,बेबस,दुर्गे कष्ट-निवारिणी,कर दूर तम-अज्ञान का,वर दे हमें सुखदायिनी।माँ देख नित चहुँओर दंगे हो रहे इंसान में,अंतर दिखा लड़ते सभी अल्लाह और भगवान में,जब रब अजन्मा जग रचयिता,जंग क्यों जब है वही,किसकी विरासत के लिए फिर द्वंद्व हैं करते सभी,माँ […]

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तलवार/TALWAAR

Image Credit : Google वीरों का श्रृंगार तेग, अन्याय मिटाता है शमशीर, दुष्टों के गर हाथ लगा फिर बहुत रुलाता है शमशीर, बल पाकर शैतान गरजते, भूमंडल को वश में करते, निर्बल के गर्दन से होकर गुजरा जो शमशीर, जिस ख्याति,गरिमा,शोभा के जड़ में हो शमशीर, एक दिन उसे मिटाने का कारण बनता शमशीर, एक […]

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DHARM/धर्म

सिंघासन का उलटफेर,जाति-धर्मों एवं साम्राज्यवादी सोच तलेमिटती और पनपती सभ्यताएँ,सदियों से धर्मांधों की गरजती तलवारों के समक्षघुटनों के बल सिसकती इंसानियत,एवं दिल से मिटतेदया,करुणा,त्याग,प्रेम एवं रहम के नामोनिशानताज्जुब है फिर भी लोग कहते हैंधर्म जिंदा है,सच में धर्म जिंदा है तो कहाँ है धर्म?धर्म आज भी वहां जिंदा है जहाँमंदिर,मस्जिद,मुल्ला,पंडित हो ना हो,मगर जब भी […]

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MAUN HUA BHAGWAAN/मौन हुआ भगवान

Image Credit :Google बड़े जतन इंसान बनाया, अपने कृति पर इतराया, जिसे बनाया बड़े जतन वह,कैसा बन बैठा इंसान, सोंच रहा अल्लाह कहीं पर,बेबस,मौन कहीं भगवान। बार-बार समझाकर हारे, सत्य ज्ञान बतला रब हारे, मगर कृत्य करता नर ऐसा, बेबस नर संग जीव बेचारे, नफरत से इंसान भरा है, बिखर गया सब तथ्य, धर्मांधों का […]

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Bhatkata Dharmo me Insaan

डाल बदला है तू पर तना है वही, घर बनाया नया, पर घराना वही, कैसी गफलत में हैं फिर भी सारे,तेरे पूर्वज वही जो हमारे। याद कर जंगली थे कभी हम सभी, जानवर की तरह लड़ रहे थे कभी, जीव-जंतु, नदी, बृक्ष, पर्वत, हवा, रब दिया स्वर्ग सी खूबसूरत धरा, मुर्ख थे खुद की मैयत […]

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Agyaani

जंगल-जंगल भटक रहा था, जंगली था इंसान, ज्ञान दिया भगवान ने हमको, बना दिया इंसान, फिर भी बदला क्या इंसान,फिर भी ना बदला इंसान। ऊंच-नीच का भेद मिटा, हर रिश्ते को समझाने को, राजतिलक का त्याग किया, मानव को पाठ पढ़ाने को, किसी ने शूली चढ़ हमसब को, मानवता का ज्ञान दिया, सत्य,अहिंसा का रब […]

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