TABLIGHI JAMAAT/तबलीगी जमात

मजहबी जलसा इंसानियत पर भारी हो गया,वाह रे तबलीगी जमात तूँ अकेला हीभारत पर भारी हो गया।ताज्जुब नही हमें,चहुँओर होते शोर का,तेरे कुतर्कों,मुरखपन के जोर का,बेशक कातिल है तूँ फिर भी तुझे धर्म से जोड़,कई और तेरा साथी हो गया,वाह रे तबलीगी जमात तूँ अकेला हीभारत की उम्मीदों पर भारी हो गया।जब सम्पूर्ण विश्व कोरोना […]

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Vikas ya Vinash/विकास या विनाश

विकास रुक गई या विनाश,मुद्दतों बाद आसमान साफ,वृक्ष धूल मुक्त,शांत वातावरण,शोर मुक्त बयार,चिड़ियों के झुंड उन्मुक्त उड़ते,मनमर्जी सड़कों पर टहलते,ऐसी शांति को देखजंगली जीव भी हरकत में आए,जंगलों को छोड़ कुछ जीव मानो दूत बन,हमारा हाल देखने शहर को आए,मगर हमारा दुर्भाग्य देखो,चेहरों पर नकाब,अपनों के पास बैठना तो दूर,खुद का चेहरा छूना भी मुहाल […]

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CORONA/कोरोना

घर में आग लगी,बाहर कोरोना खड़ी,बेबस घर का मुखिया,व्याकुल जन अपार,हाय!इस वक़्त भी राजनीति!जब मची है चीख,पुकार।संकट की घड़ी में नियम नही चलते,हर कदम पन्नो को देख नही बढ़ते,संयमित रहना फर्ज बन जाता है,पिता खाली हाथ लौटे काम से,बेटा भूखे सो जाता है,सो जाती है पत्नी भूखी,कोई आरोप नही लगाती,जिस्म होता स्थिर मगर आंखों मेंनींद […]

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