VISTHAPIT/विस्थापित
साथ चले थे,साथ लड़े थे,आजादी के ख्वाब जगे थे, मगर धर्म के आड़ में जिसने वतन हमारा तोड़ दिया, आज उसी का साथ निभा विश्वास हमारा तोड़ दिया। कल की दहशत भूल गए तुम,दर्द हमारा भूल गए तुम, पुनः धर्म का पहने चश्मा,प्रेम हमारा भूल गए तुम, याद करो तुम कल की बातें,थी कैसी तब […]