PATTHAR/पत्थर

मैं तुक्ष,राहों में बिखरा मामूली पत्थर,मर्जी तेरी ईश्वर मान मंदिर में स्थापित कर,महल बना या सेतु,मगरअरे हाड़-मांस के बनेसभ्य और संस्कारी मानव,मुझे किसी की हत्या का कारण मत बना,माना मैं निर्जीव बिना जान का,मगर तुझे क्या पता,तेरी खुशियों में मैं भी,खुश होता हूँ,और जबकिसी निर्दोष की हत्या में हमें,अपना साझीदार बनाता है,तो अरे बेखबर,औरों की […]

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KAISI NAFRAT/कैसी नफरत?

जितना हक इस जग पर मेरा उतना ही हक तेरा जी,फिर क्यों चमन उजाड़े तूने किस नफरत ने घेरा जी।अनशन,धरना,मांग,आंदोलन सब सरकार से तेरा जी,फिर क्यों बाग उजाड़े मेरे, किस नफरत ने घेरा जी। ये वर्षों की थी नफरत,थी पलभर की जज्बात नही, चुन-चुन पत्थर बरस रहे थे तुम इससे अनजान नही, बहकावे की बात […]

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JIMEWAR KAUN?/जिम्मेवार कौन

मुद्दतों बाद घर में रौशनी थी आई,बुझ गए दीपक हवा किसने चलाई।आए थे गाँव छोड़ ख्वाब लिए शहर में,बेच खलिहान घर बनाए इस शहर में,राख हुए अरमां,आग किसने लगाई,बुझ गए दीपक हवा किसने चलाई।पत्थर ही पत्थर बिखरे हैं राह में,गुमशुम,उदास संग दिखते हैं राह में,दिल बेरहम रक्त किसने बहाई,बुझ गए दीपक हवा किसने चलाई।बस्ती इंसान […]

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Kaisi Nafrat/कैसी नफरत

  Image Credit : Google जीवन में जिसने ना देखा दर्द कभी इंसान का, कहाँ हुआ कब दर्शन उसको अल्लाह या भगवान् का, कहाँ हुआ कब दर्शन उसको अल्लाह या भगवान् का| कोई मधुर अजान सुनाता,कोई घंट बजाता, कोई नफरत की बातें ही जन-जन में फैलाता, मतलब समझ सका ना जिसने गीता और कुरआन का, […]

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Nafrat ki Aandhi

शंखध्वनि, घंटे, अजान के, सुर में दुनियां नाच रही है, अपनी डफली छोड़कर देखो,मानवता चित्कार रही है। हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई, सब कहते सब भाई हैं, अल्लाह,ईश्वर,गॉड,गुरु में, फिर क्यों छिड़ी लड़ाई है, आहत है इन्सान यहां, हर घर पर आफत आयी है, सत्ता का संघर्ष मात्र, वर्चस्व की छिड़ी लड़ाई है, कैसा रूप लिया मानव,किस ओर ये […]

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