Itihas aur Rajneet/इतिहास और राजनीति

Image Credit :Google राजनीत का नियम नहीं कुछ, ना रिस्ते ना मजहब हैं कुछ, राजनीत की वेदी पर बलि इंसानों को चढ़ते देखा, हाँ मैं हूँ इतिहास स्वयं को पल-पल यहाँ बदलते देखा। कभी सत्य तो कभी कल्पना, कभी कहानी किवदंती, कभी रक्तरंजित तलवारे, जबरन गाथा को रचती, कभी कोई आक्रांत बना तो, धर्मस्थल को […]

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Helpless Pen

लोकतंत्र का मंदिर संसद,पत्रकार स्तंभ, ऊपर से मजबूत,जीर्ण हैं भीतर से ये खम्भ। मानवता का नाम जुबाँ पर, मानव से क्या काम, अपनी-अपनी ख्याति में सब, भूल गए इंसान, धर्म बना है आज एजेंडा,आंखें हैं अब नम, ऊपर से मजबूत,जीर्ण हैं भीतर से ये खम्भ। चीख रहा है कोरा कागज, कलम गुहार लगाता, शब्द तड़पता […]

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HAA HAM JANTA HAIN

Image Credit Google हम जनता हैं, वैसा ही जैसा कल थे, मगर अपनी व्यथा किसे सुनाएँ, कुर्बानी तो हमने भी दी थी, मगर जख्म किसे दिखाएँ, हम कल भी रोते थे, आज भी तड़पते हैं, तेरे नियमों की चक्की, सदियों से पिसते है, आदत सी हो गई है, कल ताकत का दौर था, राजतंत्र था,तब […]

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ANDHAARAAJ/अँधाराज

Image Credit :Google तड़पते लोग जन्नत में गजब का देश मेरा है, तपोभूमि जो ऋषियों की वहाँ छाया अँधेरा है। जहाँ मीठे नदी,झरने जहाँ थी बोल में अमृत, वहीं विषाक्त जल,वाणी,हुआ नफरत का डेरा है, तड़पते लोग जन्नत में गजब का देश मेरा है। जिसे देखो वही अब स्वार्थ की धूनी रमाते है, सिंघासनरूढ़-पालक गीत […]

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