Kaisi Siyaasat/कैसी सियासत

ना सबूत ना गवाह,सिर्फ शिकायत, और सीधे गिरफ्तारी, वाह रे मोदी जी, ये तेरी कैसी सियासतदारी। इससे तो अच्छा होता, ना अदालतें होती ना जज,सीधे सजा सुनाई जाती, सवर्ण होना क्या कम गुनाह है, सीधे फाँसी चढ़ाई जाती, बहुत पहले माँ ने,एक कहानी सुनाई थी, बच्चा था फिर भी प्रत्येक लफ्ज समझ में आई थी, […]

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AAYE PHIR SE NETAJI

हाथ जोड़कर मीठा बिष आया अमृत में घोलने, देखो जी,देखो जी,देखो आया फिर से तोड़ने।। बेमतलब की बात करेंगे केवल फिर तकरार करेंगे, कहीं माँग ना दे अपना हक, मुद्दों की बरसात करेंगे, फिर से मंदिर गान बजेगा, जात-पात परवान चढ़ेगा, तरसेंगे कुछ हक पाने को, आरक्षण का मान बढ़ेगा, जिसकी लाठी भैंस उसी की […]

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DUDH KA DAANT/दूध का दाँत

Image credit : Google जब तक दूध के दाँत थे मुख में फर्क नहीं जाना, ऊँच-नीच क्या जाति-धर्म सब अब है पहचाना। आज समझ में आया बचपन, में ही दुनियाँ सारी थी, छोटा सा खलिहान खेल की, जन्नत,जान हमारी थी, असलम,मुन्ना,कलुआ,अंजू, मंजू सखा हमारी थी, बिन बैठे एक साथ चैन ना, रातें भी अंधियारी थी, […]

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