KYA JAANE THAG PREET/क्या जाने ठग प्रीत
क्या फर्क अगर मैं हूँ ना हूँ, वे दिल अपना बहला लेंगे गिरगिट क्या रंग दिखाएंगे, रंगों की झड़ी लगा देंगे। छल से मन जिसका भरा हुआ, वे प्रेम का मतलब क्या जाने, जिनकी बुनियाद ही झूठी हो, जज्बात भला क्या पहचाने, है स्वार्थभरा तन-मन जिनका, वे प्रेम को क्या पहचानेंगे, क्या फर्क अगर मैं […]