चाँद शीतल ना जलता रवि हूँ,
ना ही शायर ना कोई कवि हूँ,
धुन समझा नहीं,भाव जाना नहीं,
है अलंकार क्या मैंने जाना नहीं,
छंद क्या है ना मुझको पता है,
दिल ने समझा वही लिख दिया है,
तू है Digital मेरी मैं तेरा ‘C’
बात कुछ भी नहीं है जरा सी,
दिल तड़पता रहा,दर्द बढ़ता रहा,
शब्द बन कोरे कागज पर सजता रहा,
शब्द तुम बन गए,छंद तुम बन गए,
गीत बनकर मेरे होठ पर सज गए,
हमने चाहा तुझे भूल जाऊँ मगर,
तुम बने शायरी इसमें मैं क्या करूँ,
बन गए काब्य तुम इसमें मैं क्या करूँ।।
तुम पढ़ो ना पढ़ो लोग पढ़ते रहे,
शब्द में अपने गम को समझते रहे,
कोई रोता रहा,कोई हँसता रहा,
प्रेम की धार में कोई बहता रहा,
कोई कहता अलंकार इसमें नहीं,
छंद कैसा बिना भाव जचता नहीं,
मैं फँसा वाहवाही,कमी दरमियाँ,
क्या से क्या ये बना दी हमे ये जहाँ,
वाहवाही में तुम,हर कमी में भी तुम,
मैं हूँ उलझा उसी लेखनी में भी तुम,
यत्न करता रहा भूल जाने की पर,
तुम बनी नायिका इसमें मैं क्या करूँ,
काब्य तूँ बन गईं इसमें मैं क्या करूँ।।
!!!मधुसूदन!!!
Smriti Sneha blog says
अलंकार छंद की आवश्यकता कहॉ होती है
दिल से लिखी गई कविता हर आमो खास को समझ आती है
स्वयं आपकी कविताएँ अनेक बार लोगों को जागृत एवं प्रेरित कर जाती हैं।
Madhusudan says
सुक्रिया अपने पसंद किया और सराहा।हौसलाअफजाई के लिए आभार आपका।
Smriti Sneha blog says
It’s my pleasure
Most welcome
Madhusudan says
Sukriya apne pasand kiya aur saraha.
ankurchaudhari says
Sabdo ke sath bahot hi accha kelte he sir app…. Bahot hi umda…
Shayar ki Kalam(SK) says
तू है Digital मेरी मैं तेरा ‘C’
बात कुछ भी नहीं है जरा सी,
दिल तड़पता रहा,दर्द बढ़ता रहा,
शब्द बन कोरे कागज पर सजता रहा,
mast.. jabrdast… wahh….
Madhusudan says
सुक्रिया अपने पसंद किया और सराहा।
shubhankarthinks says
behatreen
Madhusudan says
Dhanyawad apkaa..
कृष्णवत्सल says
Hello sir I have nominate you… Check my recent post
Abhay says
Well!! Your poetry getting better day by day…
Madhusudan says
करत करत अभ्यास ते जड़मति होत सुजान।
आप सबों की लेखनी का असर है।सुक्रिया आपका आपने पसंद किया।
Malavika A says
Wow what a poem 😍😍. Now I’m a big fan of yours sir. 😀
Madhusudan says
I am so glad….Thanks for your appreciation.
Vimla wilson Mehta says
बहुत सुंदर रचना
Madhusudan says
sukriya apne pasand kiya aur sarahaa.