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ANDHI HUN/आँधी हूँ

Andhi Hun

आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है,

डरो मत,तेरा पुत्र कोई तृण नही है,

राहों का पत्थर कब रोका तूफानों को,

रोक ले हमें,ऐसा कोई तुंग नही है।

माँ मेरे पाँवों को कोमल ना कहना,

कँधों को नाजुक ना मेरे समझना,

नजरों में झाँक देख जज्बे भरे हैं,

हौसले बुलंद सफर में चल पडे हैं,

डरते हैं कायर अंगारों भरी राह से,

डर जाऊँ मैं ये मुमकिन नही है,

आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है।

आँधी हूँ,माँ तुम्हें यकीन नही है।

!!! मधुसूदन !!!

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