Kisaan ki Byathaa

आज अन्नदाता किसान मानसून से जुआ खेलते-खेलते अपना धैर्य खोते जा रहे हैं।उनमें से अधिकतर कर्ज में डूब जानवर से भी बदतर जिंदगी जीने को बेबस हैं।उन्हीं किसानों की बिबसता दर्शाने का एक छोटा प्रयास—

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MAHANGAYEE/महंगाई

वो बोले तो झूठ है केवल,तुम झूठे,मक्कार नही,है निश्चित गद्दार सोमरुआ यूं ही तेरे साथ नही।वो क्या जाने महंगाई,बस जाने शोर मचाना,उसका तो एकमात्र लक्ष्य बस,तुम पर दाग लगाना,बंद झरोखे और दरवाजेउसपर लगे हुए थे ताले,फिर भी सबकुछ लूट लिए तुम,कहता कुछ भी पास नही,है निश्चित गद्दार सोमरुआ यूं ही तेरे साथ नही।वह कहता कर […]

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Politics/राजनीत

मेरे हर समस्याओं का निदान है पास तेरे,परंतु मैं समस्याएं गिनाऊँ ये तुम्हें पसंद नही,मेरे कुछ भी लिखने,बोलने,पूछने,गाने से,हिल जाता है तख्त तेरा,हम कुछ भी बोलें,लिखें, गाएं,ये तुम्हें पसंद नही।मैं मूक रहूं और भूखा मरूं,या करूं सवाल और हवालात पाऊं ?ऐसे कब तक करूं तेरे खोखले वादों का यशोगान ?टूटता समाज और गौरवान्वित तुम,अपनी स्वार्थ […]

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नए साल का पहला ख्वाब

काश! कपट छल कम हो जाते,स्वार्थ हृदय से खत्म हो जाते,छट जाते बादल नफरत के,बहते दिल से प्रेम बयार,यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।क्षणभंगुर जीवन राही अनजान सफर है,कौन यहां पल अंतिम किसका,किसे खबर है,आ पग चिंता त्याग बढ़ाना,हर पल नूतन वर्ष मनाना,हम खुश रहते,तुम मुस्काते,खुश रहता सारा संसार,यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।मानव जाति […]

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BIRTHDAY/शुभकामनाएं।

जब थे सभी साल की अंतिम विदाई में व्यस्त,तभी थी कोई धरती पर आने को व्यग्र,तब किसे पता था कि वोजो आनेवाली हैइतनी नटखट,इतनी हंसमुख,और इतनी बातूनी होगी,तब किसे पता था कि वो ऊपर से जितनी खुबूसरत,उससे कही अधिक खूबसूरतीउसके अंदुरूनी होगी,जिसके होने मात्र सेपतझड़ भी बन जायेगा बहार,जिसके होने से उपवन जैसालगने लगेगा परिवार,जिसकी […]

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