
Happy Friendship day.
जितना सोचूं, जितना याद करूं,
दिल उतना ही विस्तार लेता,
प्रेम से लबालब,
असीमित,
अथाह,
पाने को सानिध्य,
उठती जिसमें प्रेम की ऊंची ऊंची लहरें,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा।
दौलत अकूत कहीं
दाने दाने को मोहताज,
दोस्ती की देते जिसकी सभी ही मिसाल,
वो ना मैं सुदामा,
ना ख्वाहिश उस श्याम की,
आप मिल गए शायद कृपा है प्रभु राम की,
गंगा सा निर्मल,सावन सा पावन,
मैने तो तुझमें वो प्यार देखा,
जीवन की दौड़ में,नफरत के दौर में,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा,
किस किस ने ऐसा पारावार देखा। !!!मधुसुदन!!!

