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SURYA ABHI DUBA NAHI/सूर्य कभी डूबा नहीं

Image Credit : Google

सूर्य अभी डूबा नहीं,हौसला अभी टूटा नही,

माँ भारती के लाल का,किस्मत अभी रूठा नहीं,

देखेगी जरूर दुनियाँ एक दिन हमारे हौसले को,

निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।

टूटा है सम्पर्क सिर्फ,विकल्प नहीं छूटा है,

आएंगे जरूर चाँद,संकल्प नही टूटा है,

देखेंगे करीब से यही चाहतें ये अभी मिटा नही,

निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।

वर्षों का था मिहनत,दो कदमों से पीछे छूट गए,

आकर तेरे देहरी पर फिर भी मंजिल से चूक गए,

हैं उदास,नेत्र सजल,ख्वाब अभी टूटा नही,

निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।

गर्व है माँ भारती के सपूत ना उदास हो,

तुम हो विश्वामित्र ना वैज्ञानिकों निराश हो,

संग तेरे हिन्द,दीप्ति-तम से कभी बुझा नही,

निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।

निराश हैं,हताश ना,ये कदम अभी रुका नहीं।

!!!मधुसूदन!!!

नोट: एक बार कल के वैज्ञानिक महर्षि विश्वामित्र ने राजा त्रिशंकु को जिंदा स्वर्ग भेजने का फैसला किया जिससे इंद्र घबरा गए और अपनी एक अप्सरा मेनका को भेज उन्हें अपने कर्मपथ से विमुख कर दिया तथा त्रिशंकु धरती और स्वर्ग के बीच रह गए। मगर आज के वैज्ञानिक विश्वामित्र जैसा ही ज्ञानी हैं मगर अब वे मंजिल पाकर ही दम लेनेवाले हैं।

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