MAHANGAYEE/महंगाई
वो बोले तो झूठ है केवल,तुम झूठे,मक्कार नही,है निश्चित गद्दार सोमरुआ यूं ही तेरे साथ नही।वो क्या जाने महंगाई,बस जाने शोर मचाना,उसका तो एकमात्र लक्ष्य बस,तुम पर दाग लगाना,बंद झरोखे और दरवाजेउसपर लगे हुए थे ताले,फिर भी सबकुछ लूट लिए तुम,कहता कुछ भी पास नही,है निश्चित गद्दार सोमरुआ यूं ही तेरे साथ नही।वह कहता कर […]
Posted in महंगाई10 Comments on MAHANGAYEE/महंगाई