Politics/राजनीत

मेरे हर समस्याओं का निदान है पास तेरे,परंतु मैं समस्याएं गिनाऊँ ये तुम्हें पसंद नही,मेरे कुछ भी लिखने,बोलने,पूछने,गाने से,हिल जाता है तख्त तेरा,हम कुछ भी बोलें,लिखें, गाएं,ये तुम्हें पसंद नही।मैं मूक रहूं और भूखा मरूं,या करूं सवाल और हवालात पाऊं ?ऐसे कब तक करूं तेरे खोखले वादों का यशोगान ?टूटता समाज और गौरवान्वित तुम,अपनी स्वार्थ […]

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नए साल का पहला ख्वाब

काश! कपट छल कम हो जाते,स्वार्थ हृदय से खत्म हो जाते,छट जाते बादल नफरत के,बहते दिल से प्रेम बयार,यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।क्षणभंगुर जीवन राही अनजान सफर है,कौन यहां पल अंतिम किसका,किसे खबर है,आ पग चिंता त्याग बढ़ाना,हर पल नूतन वर्ष मनाना,हम खुश रहते,तुम मुस्काते,खुश रहता सारा संसार,यही आस,उम्मीद,याचना,नए साल का पहला ख्वाब।मानव जाति […]

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BIRTHDAY/शुभकामनाएं।

जब थे सभी साल की अंतिम विदाई में व्यस्त,तभी थी कोई धरती पर आने को व्यग्र,तब किसे पता था कि वोजो आनेवाली हैइतनी नटखट,इतनी हंसमुख,और इतनी बातूनी होगी,तब किसे पता था कि वो ऊपर से जितनी खुबूसरत,उससे कही अधिक खूबसूरतीउसके अंदुरूनी होगी,जिसके होने मात्र सेपतझड़ भी बन जायेगा बहार,जिसके होने से उपवन जैसालगने लगेगा परिवार,जिसकी […]

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PATA NAA CHALA/पता ना चला।

ख्वाब कब अपने,अपनों के हो गए,पता ना चला।फिक्र में उन्ही के,कब जीवन ये ढल गए,पता ना चला।जीवन सफर में रहे दौड़ते हम,कदम कब रुके,पता ना चला।मालूम बुढ़ापा आना था एक दिन,बूढ़े हुए कब,पता ना चला।थी अपनों की बस्ती,बुलंदी पर जब थे,अकेला हुए कब,पता ना चला।अकेला हुए कब,पता ना चला।!!!मधुसूदन!!!

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MAUN/मौन

मौत अटल मरना है निश्चित, इससे सच्चा मीत नहीं, मगर मौत आने से पहले, इतनी चुप्पी ठीक नहीं| आ जो लम्हा शेष सफर का, हँसकर उसे गुजारे हम, मेरे यारा,मीत हमारे, जीवन सफल बना ले हम, नित्य रात फिर दिन होता है, सूर्य उदित होता छुपता है, यही सत्य है इस दुनियाँ का जीवन का […]

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MURLIDHAR/मुरलीधर

नटखट,बाल-गोपाल कहे कोई तुमको चितचोर,2बता किस नाम से तुझे पुकारूँ,तूँ देखेगा मेरी ओर।मात,पिता जहाँ कैद जेल मेंजड़ें सात थे ताले,वैरी था महिपालसजग उसके लाखों रखवाले,तेरे आते खुल गए ताले,सो गए नींद में प्रहरी सारे,अचरज ही अचरज तेरीदृष्टि होती जिस ओर,मातम मथुरा जश्न नन्द घर बाजे डमरू ढोल,बता किस नाम से तुझे पुकारूँ,तूँ देखेगा मेरी ओर।आज […]

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KANHA/कान्हा

मैं मानव हूँ क्षुद्र जनम से,ज्ञानेश्वर दो ज्ञान की शक्ति,हूँ पापी मैं सच जितना उतनी ही सच्ची मेरी भक्ति।ईर्ष्या,द्वेष,कपट,छल मुझमें,प्रेम सरोवर भर दो तुममैं कान्हा दुर्योधन जैसा,अर्जुन मुझको कर दो तुम,मैं हूँ क्षुद्र,नीच,पापी जन,सब माया तेरी यदुनन्दन,हे कृष्ण,हरि,कमलनाथ दे,इस माया से हमें विरक्ति,हूँ पापी मैं सच जितना उतनी ही सच्ची मेरी भक्ति।तेरा ही सब मैं […]

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“Every successful women”

महाभारत का युद्ध आसान था शायद,आसान था कल,मर्यादित रावण सेटकरा जाना,परन्तु आसान नही यहाँ नारियों का,ख्वाहिशों के पंख लगा अम्बर को छू पाना,जहाँ अब भी निराशाओं के बादलजलजला बन डूबाने को आतुरख्वाबों की नैया,जहाँ अपनों के ताने,दावानल बन झुलसाने को ततपरअरमानों की मड़ैया,जहाँ समाज का लोक-लाज,बन चट्टान ततपर रोकने को राह,जहाँ भीतर अपनों का अवरोध,बाहर […]

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SANTAAN/सन्तान

एक पूरब दूसरा पश्चिम,जिन्हें बाँध रखा,अपनी दोनों भुजाओं में,मैं  वो आपकाजादुई सामान हूँ,कहने को आपका छोटा बच्चा,जिसके दोनों गालों को पकड़ प्रेम से कहते,कबाब में हड्डी,मगर मैं ही आपदोनो का सारा जहान हूँ।मैंने मुस्कुराना सीखा,आपदोनो को हँसते मुस्कुराते देखकर,मैंने बोलना,गुनगुनाना सीखा,आपदोनो को बोलते,गुनगुनाते देखकर,मैं जीना सीख रहा,आपको जीवन जीते देखकर।मैं प्रतिफल हूँ,आपदोनो के प्रेम का,जो […]

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Khwahish/ख्वाहिश

हमारे एक प्रिय ब्लॉगर Padmaja ramesh जी की रचना से प्रभावित होकर लिखी गई रचना– विस्मृत ना होती यादें और पल गुजरे वापस आ आते,काश कि हम बच्चे बन जाते,काश कि हम बच्चे बन जाते।है ख्वाहिश फिर से पढ़ने की,यारों संग मस्ती करने की,था नही बदलना कुछ विशेष,करते जो छूट गया है शेष,नाना,नानी का सत्य […]

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Ummid/उम्मीद

मैं जैसे मरुस्थल में भटकता पथिक,भूख और प्यास से व्यथित,सूर्य का प्रचण्ड ताप,जहाँ ना कोई झुरमुट,ना कोई गाछ,जिस्म बेजान,निकलने को आतुर प्राण,टूटे दिल,टूटे सभी ख्वाब बीच,धोखे,झूठ,फरेब भरी दुनियाँ से टूटे विश्वास बीचबंधे जीवन की आसजब पड़े मेरे काँधे पर तुम्हारा हाथ,जब पड़े मेरे काँधे पर तुम्हारा हाथ।कभी दया,करुणा,प्रेम से भरे,अभी दर्द का सैलाब हूँ,कुछ भी […]

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Siwa tumhare/सिवा तुम्हारे

कैसे मैं कुछ और सुना दूँ,गीत नही कुछ सिवा तुम्हारे,कैसे दिल कहीं और लगा लूँ,मीत नही कोई सिवा तुम्हारे,मैं ना जानु सत्य यहाँ क्या,ना मैं जानु झूठ है क्या,तुमको देखा देख लिया जग,मैं ना जानु हूर है क्या,तुम ही मय,तुम ही मदिरालय,तुम ही देव,मेरे देवालय,तुम ही धड़कन जान तुम्ही है,सपने सब अरमान तुम्ही है,तुम ही […]

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Tuksh nahi ho tum./तुक्ष नही हो तुम।

क्यों ना राहें हों अनजान राही मगरवे भी अपना सा लगने लगेंगे,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत की रेख।बंजर,कंटीले हों क्यों ना डगर,मंजिल वहीं होंगे तेरे बसर,सजने लगेंगे वही ख्वाब तेरे,थिरकने लगेंगे वहीं पाँव तेरे,मिल जाएंगे फिर मुकाम,जरा चलकर तो देख,मत समझ तुक्ष खुद को प्रणेता है तूँ,बदल किस्मत […]

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Krurta/क्रूरता

भूख से व्यग्र एक कुतिया,बार बार गलियों का चक्कर लगाती,इंसानों को देख अपनी पूँछें हिलाती,चेहरे के आव-भाव से भूखी होने का भाव दर्शातीमगर कहीं से भी रोटी का एक टुकड़ा नही मिल पाने परवापस अपने बच्चों के पास आकर लेट जाती,फिर टूट पड़ते नासमझ बच्चे उसपरऔर नोचने लगते स्तन।पेट में अन्न का दाना नहीऔर ना […]

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Ummid/उम्मीद

बंद क्यों ना हो जाए,किवाड़ सब जमाने का,द्वार जिंदगी का कभी खुद से ना लगाना यारों,गिरते दरख़्त कई आँधियों के आने से,बीज हम दरख़्त बन सजेंगे फिर बताना यारों,जंग हर कदम कदम पर जिंदगी में जीत भी,छटेगा अँधेरा दीप खुद से ना बुझाना यारों,द्वार जिंदगी का कभी खुद से ना लगाना यारों।!!!मधुसूदन!!!

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AKROSH/आक्रोश

हाथों मे सोने का कंगन लिए बाघ,खुद को शाकाहारी बन जाने का ढोंग करता,दुर्योधनी सोच लिए सरहद रौंदने को ततपर पड़ोसीमन में घृणित रोग रखता,दशानन का साधु बन आना,और हर बार तेराछला जाना,आखिर कब तक?आखिर कब तक उस अधर्मी संग धर्म निभाओगे,पाशे का छल,द्रौपदी की चीख,और उबाल लेता धमनियों मेंशोणित की प्रवाह भूल,कबतक?आखिर कबतक उस […]

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Chand

Image Credit :Google मजहब है ना चाँद का कोई, हम सब की मजहब में चाँद, जिसकी जैसी आँखें वैसी, आँखों को दिख जाता चाँद। कोई कहता चन्दा मामा, कोई कहता दूज का चाँद, करवाचौथ के व्रत को तोड़ा, थाल में देखी जब वो चाँद, राजा दक्ष के चाँद जमाई, शीश शुशोभित शिव-शम्भू, सारे जग को […]

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