DAHEJ/दहेज
तड़प तड़प लिख दिया है माँ को अपनी पाती,दर्द दिया ऐसा कि बोल नही पाती।2रंग भरूँ मजहबी या जातियों का सार दूँ,या दहेज दानवी तलाक का हिसाब दूँ,या मैं कहूँ दैत्य खड़े किस जगह कहाँ-कहाँ,अस्मतों से खेलते हैं बेटियाँ जहाँ-जहाँ,जख्म भरे अंग-अंग,अंग है दिखाती,दर्द दिया ऐसा कि बोल नही पाती।फूल सी परी थी एक वो […]