NASHA/नशा

नशे से भरी दुनियाँ,जहाँ कुछ नशा ऐसी,जो चढ़ती नही,और कुछ,चढ़ जाए फिर उतरती नही,चाहे क्यों ना लुप्त हो जाएँ सूरज,चाँद,सितारे,क्यों ना बुझ जाएं सारे दीप,हो जाएं क्यों नादुनियाँ से अलग,अकेला,जहाँ ना हो कोई रोकनेवाला,ना ही अपना कोई मीत,जहाँ घर क्या,भरा हो क्यों ना,तालाब भी महंगे शराब से,फिर भी नामुमकिन है उबर पानाउसके ख्वाब से।!!!मधुसूदन!!! अपने […]

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MULAKAT

IMAGES CREDIT : GOOGLE कल उनसे हमारी मुलाकात हो गयी, बात बर्षों की थी फिर से याद हो गयी। दर्द घटती नहीं,प्रेम मिटती नहीं, लाख चाहो मगर, प्रेम छुपती नहीं, चार आँखों से फिर बरसात हो गयी, बात बर्षों की थी फिर से याद हो गयी। होठ थे बंद पर सब नजर कह गए, उनकी […]

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VIDHWA/विधवा

Image Credit : Google कभी कभी मन व्याकुल होता अब भी पर समझाए कौन ? आँखों से खोए सपने मुस्कान को वापस लाए कौन? कलतक जन्नत फीकी जिससे सेज नहीं वह भाती, काँटे क्या मखमल भी पलपल फूल को डंक चुभाती, नित रिसते सैलाब नयन, धीरज का बाँध बंधाये कौन? आँखों से खोए सपने मुस्कान […]

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KASAK/कसक

Image Credit : Google प्रेम हमने किए हम निभाते रहे, जिसने की ही नहीं आजमाते रहे, तोड़ रिश्ते गए वे जो अपने ना थे, ख्वाब वे मेरे,हम उनके सपने ना थे, फिर भी सपनों में उनको बुलाते रहे, प्रेम हमने किए हम निभाते रहे। दर्द इतनी सी है क्या खता थी मेरी, कसमें,वादे-तलक क्यों वफ़ा […]

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KARM KA PHAL/कर्म का फल

एक आदमी था जो अपनी मृत्यु से पहले गंगा स्नान करना चाहता था। एक दिन अपनी चाहत पूरी करने के लिए घर से निकल पड़ा । रास्ते में जो भी नदी मिलती लोगों से पूछता, भाई क्या ये गंगा नदी है । जवाब में कोई और नदी का नाम सुन आगे चल पड़ता। रास्ते में […]

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VARSHA/वर्षा

Image Credit : Google वसुधा पर तेरा आ जाना, मरुस्थल का भी खिल जाना, छोड़ साथ बादल का वर्षा, वसुधा से यूँ मिल जाना, नहीं भूल सकती प्यासी भू, कह दूँ क्या हर्षित कितना हूँ, मन-मंदिर धुन-तान बजा अब, तुमसे ही अरमान सजा अब, जैसे तारे आसमान में रोज चमकते, झीलमिल,झीलमिल, ऐ वर्षा तुम भी […]

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Masum Sonch/मासूम सोंच

Image Credit : Google औरों पर मेरा कमान होता, काश कि मैं भी जवान होता,काश कि मैं भी जवान होता भैया के जैसे हम भी टहलते, कभी डांट जीवन में हमको ना पड़ते, ना बंदिश का नामोनिशान होता, काश कि मैं भी जवान होता,काश कि मैं भी जवान होता 1 सुबह-शाम पढ़ना,पहाड़े को रटना, हुयी […]

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Armaan

प्रेम तो बहती नदियों जैसा, पर वैसा हम जीव नहीं, प्रेम तो करते बृक्ष मगर हम, वैसा भी निर्जीव नहीं, प्यास लगे तब क्षुधा मिटाएं, फल,फूलों से प्यारे करें, जब मर्जी तब उसे मसल दें, ये कैसा फिर प्यार करें, ऐसे स्वार्थ से घबराता दिल,मोम है ये पाषाण नहीं। प्रेम के बदले प्रेम चाहते, इंशां […]

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