तलवार/TALWAAR

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वीरों का श्रृंगार तेग,

अन्याय मिटाता है शमशीर,

दुष्टों के गर हाथ लगा फिर

बहुत रुलाता है शमशीर,

बल पाकर शैतान गरजते,

भूमंडल को वश में करते,

निर्बल के गर्दन से होकर गुजरा जो शमशीर,

जिस ख्याति,गरिमा,शोभा के जड़ में हो शमशीर,

एक दिन उसे मिटाने का कारण बनता शमशीर,

एक दिन उसे मिटाने का कारण बनता शमशीर।

याद करो रावण का काल,

त्रिभुवन पर जिसका साम्राज्य,

नर,बन्दर आहार थे जिसके,

वे ही बन गए उसके काल,

जनता कारण सत्ता का फिर,

जनता उसे हटाती,

खड्ग बना आधार जिसे फिर

खड्ग ही उसे मिटाती,

अगर गरजता हिरणकश्यपु हाथ लिए शमशीर,

एक दिन उसे मिटाने का कारण बनता शमशीर।

ऐ खुदपर इतरानेवाले,

खुद का रौब दिखानेवाले,

खड्ग,तीर,तलवार दिखाकर,

खुद को श्रेष्ठ बतानेवाले,

युगों,युगों की धरा महान,

देख पड़े हैं कई निशान,

तेरी झूठी जिद के आगे,

तड़प रहे अब भी इंसान,

धर्म बढ़ा या बढ़ता शासन,

खड्ग लिए हँसता सिंघासन,

जिसे हँसाने का कारण गर बनता है शमशीर,

एक दिन उसे रुलाने का कारण बनता शमशीर।

धर्म प्रभु का उस पर छोड़ो,

उसमें अपना रंग ना घोलो,

हम सारे उसके ही बंदे,

अलग बोल ना नफरत घोलो,

मत तलवार को हाथ लगाओ,

अब बेबस को मत तड़पाओ,

धर्म मिटा ना कभी मिटेगा,

खड्ग के बल ना महल बनाओ,

बेशक अर्श दिला देगा गर हाथ लगा शमशीर,

मगर फर्श पर लाने का कारण बनता शमशीर।

एक दिन उसे मिटाने का कारण बनता शमशीर।

!!! मधुसूदन !!!

Viron ka shringaar teg,
anyaay mitaata hai shamasheer,
dushton ke gar haath laga phir
bahut rulaata hai shamasheer,
bal paakar shaitaan garajate,
bhoomandal ko vash mein karate,
Jis khyaati,garima,shobha ke jad mein hai shamasheer,
ek din use mitaane ka kaaran banata shamasheer.
yaad karo raavan ka kaal,
tribhuvan par jisaka saamraajy,
nar,bandar aahaar the jisake,
ve hee ban gae usake kaal,
janata kaaran satta ka phir,
janata use hataatee,
khadg bana aadhaar jise phir
khadg hee use mitaatee,
agar garajata hiranakashyapu haath lie shamasheer,
ek din use mitaane ka kaaran banata shamasheer.
ai khudapar itaraanevaale,
khud ka raub dikhaanevaale,
khadg,teer,talavaar dikhaakar,
khud ko shreshth bataanevaale,
yugon,yugon kee dhara mahaan,
dekh pade hain kaee nishaan,
teree jhoothee jid ke aage,
tadap rahe ab bhee insaan,
dharm badha ya badhata shaasan,
khadg lie hansata singhaasan,
jise hansaane ka kaaran gar banata hai shamasheer,
ek din use rulaane ka kaaran banata shamasheer.
dharm prabhu ka us par chhodo,
usamen apana rang na gholo,
ham saare usake hee bande,
alag bol na napharat gholo,
mat talavaar ko haath lagao,
ab bebas ko mat tadapao,
dharm mita na kabhee mitega,
khadg ke bal na mahal banao,
beshak arsh dila deta hai haath agar shamasheer,
magar pharsh par laane ka kaaran banata shamasheer.
ek din use mitaane ka kaaran banata shamasheer.
!!! Madhusudan !!!

47 Comments

  • Most beautiful lines”बेशक अर्श दिला देगा गर हाथ लगा शमशीर,मगर फर्श पर लाने का कारण बनता शमशीर” सियासतदानों को आपने आईना दिखा दिया पर शमशीर है ना हाथों में उनके…क्या देखा होगा।बहुत अच्छा लगी आपकी कविता।🌹🌹🌹🌹

    • तलवार और शब्दों के तलवार जिससे वार कीजिये प्रतियुत्तर एक दिन उसी से जरूर मिलता है। बबूल बोनेवालों को कुछ दिन खुशी मिलती है मगर बाद में खुद उन्ही कांटों में उलझ दम तोड़ देते हैं साथ ही उन्हें आम कभी नहीं मिलती।

      • जुबान की तेग हो या लेखन की-सब कुछ बेनकाब कर सकती है ये।

    • एक बार आपको पुनः बहुत बहुत धन्यवाद बहुत सारी खूबसूरत प्रतिक्रिया के लिए।

    • पुनः धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।

  • वाह भाई वाह!!!
    शमशीर से बहादुर शाह ज़फर के प्रसंग में एक कविता याद आ गयी. इसमें कोई शक नहीं कि वे जितने योग्य शाशक थे उससे कहीं ज़्यादा योग्य कवि और शायर थे.

    ऐसा सुना है कि जब ज़फर को वर्मा में कैद करके रखा गया था तो एक अंग्रेज अधिकारी, जो उर्दू में काफी निपुण था, ने उन्हें चिढ़ाते हुए कहा

    Dumdamein Mein Dum Nahin Khair Maango Jaan Ki
    Aey Zafar Thandi Hui Shamsheer Hindustan की

    दमदमे में डैम नहीं अब खैर मांगो जान की
    ए ज़फर ठंडी हुई शमशीर हिंदुस्तान की

    Your fort is crumbling down, pray for your life.
    The Indian sword, O Zafar, has lost its sheen and might

    इस पर ज़फर का जवाब था……

    Gajiyon Bein Boo Rahegi Jab Tak Imaan Ki
    Tab To London Tak Chalegi Teg Hindustan की

    गाजियों में बू रहेगी जब तलक ईमान की।
    तख़्ते लंदन तक चलेगी तेग हिंदुस्तान की।।

    So long as the soldiers retain their faith and pride
    The Indian sword will not relent till it humbles London’s might;

    क्षमा कीजियेगा का कमेंट कुछ ज़्यादा ही खिंच गया …… 🙂

    • वाह भाई वाह। आपके बहुमूल्य प्रतिक्रिया को पढ़ दिल बाग बाग हो गया।
      बेहतरीन मैं क्या बोलूं,
      जो अपने आप में बेहतरीन है
      फिर भी कहना पड़ेगा
      लाजवाब,बेहतरीन,उम्दा।👌👌

  • मगर फर्श पर लाने का कारण बनता शमशीर…sundar kavita

    yeh padh k hume yeh yaad aaya …related nahi phir bhi …. 🙂 रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिए डारि. जहां काम आवे सुई, कहा करे तरवारि.

    • बीच बीच मे बहुमूल्य समय निकाल कविता पढ़ना और अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया देना आपके प्रेम को बखूबी दर्शाता है। लाजवाब पंक्तियाँ।

    • बहुत बहुत धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।

    • बहुत बहुत धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।

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