ANDHI HUN/आँधी हूँ
आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है,
डरो मत,तेरा पुत्र कोई तृण नही है,
राहों का पत्थर कब रोका तूफानों को,
रोक ले हमें,ऐसा कोई तुंग नही है।
माँ मेरे पाँवों को कोमल ना कहना,
कँधों को नाजुक ना मेरे समझना,
नजरों में झाँक देख जज्बे भरे हैं,
हौसले बुलंद सफर में चल पडे हैं,
डरते हैं कायर अंगारों भरी राह से,
डर जाऊँ मैं ये मुमकिन नही है,
आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है।
आँधी हूँ,माँ तुम्हें यकीन नही है।
!!! मधुसूदन !!!
Bahut mst
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
क्या कहना,,, अतिसुंदर,, कविता,,
बहुत धन्यवाद मित्र।शुभरात्रि।
❤❤❤🌻🌻
बच्चे की चेहरे की मुस्कान और कविता मानो एक दूसरे का प्रतिबिंब है …
बिल्कुल सही कहा। तस्वीर के मुताबिक शब्द निकलते गए।
A GOOD POETRY. KEEP IT UP.
Thank you very much.
बिल्कुल ……. सफलता जज्बे में ही निहित होती है ….. उम्दा पोस्ट !
कुछ लोगो के जज्बे उनकी आंखों से झलकती है। धन्यवाद आपका सराहने के लिए।
जी बिल्कुल……स्वागतम…..!