आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है,
डरो मत,तेरा पुत्र कोई तृण नही है,
राहों का पत्थर कब रोका तूफानों को,
रोक ले हमें,ऐसा कोई तुंग नही है।
माँ मेरे पाँवों को कोमल ना कहना,
कँधों को नाजुक ना मेरे समझना,
नजरों में झाँक देख जज्बे भरे हैं,
हौसले बुलंद सफर में चल पडे हैं,
डरते हैं कायर अंगारों भरी राह से,
डर जाऊँ मैं ये मुमकिन नही है,
आँधी हूँ,शायद तुम्हें यकीन नही है।
आँधी हूँ,माँ तुम्हें यकीन नही है।
!!! मधुसूदन !!!
Sngms says
Bahut mst
Madhusudan Singh says
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
Nageshwar singh says
क्या कहना,,, अतिसुंदर,, कविता,,
Madhusudan Singh says
बहुत धन्यवाद मित्र।शुभरात्रि।
Nimish says
❤❤❤🌻🌻
बच्चे की चेहरे की मुस्कान और कविता मानो एक दूसरे का प्रतिबिंब है …
Madhusudan Singh says
बिल्कुल सही कहा। तस्वीर के मुताबिक शब्द निकलते गए।
brijkaulblog says
A GOOD POETRY. KEEP IT UP.
Madhusudan Singh says
Thank you very much.
Rahat Jahan says
बिल्कुल ……. सफलता जज्बे में ही निहित होती है ….. उम्दा पोस्ट !
Madhusudan Singh says
कुछ लोगो के जज्बे उनकी आंखों से झलकती है। धन्यवाद आपका सराहने के लिए।
Rahat Jahan says
जी बिल्कुल……स्वागतम…..!