LALKAAR HO/ललकार हो
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शोक नहीं अब तीर चाहिए,नँगा अब शमशीर चाहिए,
खौल रहा है खून न्याय मांगे,जो खोया वीर चाहिए।
घूम रहे हैं घर में ही गद्दार जी,
प्रेम की भाषा अब सारे बेकार जी,
दिल में जिनके भारत बसता,
उनका मान बढ़ाना होगा,
जिनके दिल में पाक बसा है,
उनको सबक सिखाना होगा,
बहुत हुआ उसको समझाना,
पाक को क्या नफरत दिखलाना,
दो आज्ञा हम बाँधकर लाएं,
मौत किसे कहते समझाएँ,
अब ना कोई पीर चाहिए,कुछ आज्ञा गंभीर चाहिए,
खौल रहा है खून न्याय मांगे,जो खोया वीर चाहिए।
उनकी मंशा भारत को दूँ चीर
मौन रहोगे क्या ?
खीर नहीं वे मांग रहे कश्मीर,
बताओ दोगे क्या ?
युपी,केरल और बंगाल,
उसने फैला दी है जाल,
सरहद पार से निबटेंगे पर,
पहले दफना दूँ गद्दार,
बस इतनी अर्जी है मेरी,
अब ना और लगाओ देरी,
राख बुझे उससे पहले ही,
सज्ज हैं राम बजा रणभेरी,
अब ना कोई चीख चाहिए,ना ही कोई भीख चाहिए,
खौल रहा है खून न्याय मांगे,जो खोया वो वीर चाहिए।
आज भी देखो बाल्मीक और राम हैं,
छुपकर करते राक्षस घात तमाम हैं,
दशरथ भी ले राम खड़े हैं देने को,
शस्त्र-सुसज्जित राम खड़े चल देने को,
अब चुप्पी बाल्मीक त्यागिए,
क्यों सोये हो धीर जागिये,
खौल रहा है खून न्याय मांगे,जो खोया वीर चाहिए,
खौल रहा है खून न्याय मांगे जो खोया वीर चाहिए।
!!!मधुसूदन !!!
Shok nahin ab teer chaahie,nanga ab shamasheer chaahie,
khaul raha hai khoon nyaay maange,jo khoya vo veer chaahie.
ghoom rahe hain ghar mein hee gaddaar jee,
prem kee bhaasha kab samajhe makkaar jee,
dil mein jinake bhaarat basata,
unaka maan badhaana hoga,
jinake dil mein paak basa hai,
unako sabak sikhaana hoga,
bahut hua usako samajhaana,
paak ko bhee hai sabak sikhaana,
do aagya ham baandhakar laen,
maut kise kahate samajhaen,
bahut hua na peer chaahie,kuchh aagya gambheer chaahie,
khaul raha hai khoon nyaay maange,jo khoya vo veer chaahie.
unakee mansha bhaarat ko doon cheer
maun rahoge kya ?
kheer nahin ve maang rahe kashmeer,
batao doge kya ?
yupee,keral aur bangaal,
usane phaila dee hai jaal,
sarahad paar se nibatenge par,
pahale daphana doon gaddaar,
bas itanee arjee hai meree,
ab na aur lagao deree,
raakh bujhe usase pahale hee,
sajj hain raam baja ranabheree,
ab na koee cheekh chaahie,na hee koee bheekh chaahie,
khaul raha hai khoon nyaay maange,jo khoya vo veer chaahie.
aaj bhee dekho baalmeek aur raam hain,
chhupakar karate raakshas ghaat tamaam hain,
dasharath bhee le raam khade hain dene ko,
shastr-susajjit raam khade chal dene ko,
ab chuppee baalmeek tyaagie,
kyon soye ho dheer jaagiye,
khaul raha hai khoon nyaay maange,jo khoya vo veer chaahie,
khaul raha hai khoon nyaay maange,jo khoya vo veer chaahie.
!!!Madhusudan !!!
very nice and touching
Tnank you very much for your appreciations.
👌👌👌🇮🇳🙏❤️
👏👏👏
बेहद सुन्दर रचना
Sukriya apka.. pasand karne aur sarahne ke liye.
सभी के दिल में आक्रोश है. उसे आपने बड़े अच्छे से व्यक्त किया है .
धन्यवाद आपका पसन्द करने और सराहने कब लिए।
बहुत ही मन को व्यथित कर गया था वो 14फरवरी की आतंकी हमला।सही कहा आपने कि बाहर वालों पे वार करने से पहले देश के गद्दारों को खत्म करना होगा।बहुत ही जोश व ओज से भरी कविता है आपकी।14फरवरी को जब सारी दुनिया Valentine day के रूप में जश्न मना रही थी तब ये पापी खून भरा खेल खेल रहे थे।मैंने भी लिखी उस दिन कविता पर पब्लिश नहीं कर पाई।आज ब्लाॅग पे लिखूंगी।पढियेगा।वैसे आप वाली से तो हल्की है।
जी हम प्रेम के पुजारी आज प्रेम को तरस रहे हैं।अब हम प्रेम भी करते हैं तो लोग दर्द दे जाते हैं।
हम मरहम भी देते है वे जख्म दे जाते हैं। बहुत दुखद।
प्रेम का दूसरा नाम दर्द है और दर्द की दवा है दर्द का हद से गुजर जाना-बकौल गालिब़।
वाह।। क्या खूब कहा।। बिल्कुल सही।👌👌
Thanks,dear!!
जरूर पढूंगा समय निकालकर।
You have very aptly summarised the feelings here!! Justice is what we need now rather than hollow words!!
Absolutely….now we need only justice.👏👏
हृदयविदारक और सत्य कथन. सुंदर रचना.
धन्यवाद सर ।।जय जवान।। जय हिंद।।🙏🙏