एक डाल पर गुलशन में दो कलियाँ है मुश्कायी,
बधाई हो बधाई आज पूरी हुई सगाई।
छूट गयी अब कथा कहानी,
बिटिया ब्यस्त मोबाइल में,
भैया ने दी फोन गिफ्ट में,
राखी की बंधवाई में,
ब्यस्त सभी अपने कमरे में,
मात-पिता को नींद कहाँ,
जब तक ब्याह नहीं हो जाती,
तबतक उनको चैन कहाँ,
ताकत से बढ़कर के सौदा,
खुशी के बदले कर डाली,
खेत बेच बाबुल ने उनकी,
मांगें पूरी कर डाली,
मगर रोज एक मांग सुनाते,
आंगन में क्या लाएंगे,
हीरो की दो बाईक कबतक,
बच्चों को दिलवाएंगे,
पढ़ी लिखी बिटिया हो जितनी,
मांग भी उतनी होती है,
पढ़ी लाख बिटिया फिर भी,
कीमत बेटों की होती है,
दानव बना दहेज रुलाता,
प्रेम,दया ना होता है,
बेटी का माँ-बाप मगर,
खुशियों का ख्वाब संजोता है,
रोज नया एक फर्ज निभाता मात-पिता संग भाई,
बधाई हो बधाई निस दिन ब्याह की चर्चा छाई।
पत्नी ने कुछ गहने अपने,
बदल के गहने बनवाई,
चिंतित प्रियतम को देखा फिर,
गहने सारी दिखलाई,
कृषक समझते देर लगी ना,
बोला क्या तू कर डाला,
तेरे जो श्रृंगार थे गहने,
क्यों कर बदली कर डाला,
मेरी अब मुश्कान है बोली,
तेरे ही मुश्काने में,
माँ की तो श्रृंगार है केवल,
बिटिया के मुश्काने में,
एक दूजे का दर्द समझ,
मुश्कान खुशी की आई,
खत्म हुई सारी दुबिधा,दोनों को नींद थी आई,
बधाई हो बधाई,तिलक का कल दिन है भाई।
Cont Part-6
!!! मधुसूदन !!!
pkckd1989 says
अति उत्तम ।
Madhusudan says
धन्यवाद आपका पसंद काटने के लिए।
pkckd1989 says
आपकी इतनी सुंदर सी कविता को पढना यह तो हमारा सौभाग्य की बात है।
Madhusudan says
Itna bada mat banayeeye…….ham bhi aap hi ki tarah sikh rahaa hun….sukriya apka apke uttam vichar ke liye.
pkckd1989 says
ये तो आपका बढ़प्पन हैं ।
Gouri (Gourav Anand) says
चलिए अगले अंक का भी इंतेज़ार रहेगा।👌👌
Madhusudan says
धन्यवाद आपका ।
रंगबिरंगे विचार(विमला की कलम) says
वाह वाह 👏🏻👏🏻 बहुत सुंदर लिखा
Madhusudan says
सुक्रिया आपका आपने पसंद किया।
रजनी की रचनायें says
बहुत ही खूबसूरत रचना है आपकी। अब तो तारीफ के शब्द नहीं मिलते हैं।
Madhusudan says
आपके पसंद करने एवं सराहने के लिए कोटि-कोटि आभार।