Daldal si Rajneet
कैसी है आजादी जहाँ,आज भी बिबसता है,
दलदल बना जाति,धर्म रोज कोई मरता है।।
कहीं छुआ-छूत आज, दंगा कही धर्म का,
बीते कई दशक मिला,मरहम नहीं मर्ज का,
ज्ञान है अपार कोई बेच रहा साग है,
बेजुबान प्राणियों सा बुरा उसका हाल है,
कैसी सरकार चली देख धनानंद की,
राजतंत्र लौट गयी देख परमानंद की,
चंद्रगुप्त बिन चाणक्य कहीं छुपा रहता है,
दलदल बना जाति,धर्म रोज कोई मरता है।।
मेरी ये नसीब है या,मेरी ही बिबसता है,
दलदल राजनीत हमें,बार-बार छलता है,
राजतंत्र लूट गया , देख लोकतंत्र को,
द्रोणाचार्य जैसे छले कर्ण,एकलब्य को,
कौरवों की भीड़ वही रूप कोई और है,
स्वार्थ का चला कुचक्र मौन लोकतंत्र है,
बने धृतराष्ट्र सभी खेल रहे खेल को,
राजतंत्र ही बना दी,इसने जाति-धर्म को,
जाति-धर्म के कुचक्र में गरीब गौण है,
कैसे देख आज न्यायपालिका भी मौन है,
कल के जैसे आज वही स्वार्थ राज करता है,
दलदल बना जाति,धर्म, रोज कोई मरता है।
देख देश बाँट दिया धर्म-राजनीत ने,
दान दिया पाक पहली भेट लोकतंत्र में,
प्रेम के दीवाने आज उसका दंश सहते हैं,
तक्षशिला और नालंदा ज्ञानवान जलते हैं,
फिर भी राजनीत धर्म-जातियों में लीन है,
होकर हम बिभक्त राजनीत के अधीन हैं,
जल रही है कोठरी-दहलीज आज जलता है,
दलदल बना जाति-धर्म,रोज कोई मरता है।।
दलदल बना जाति-धर्म,रोज कोई मरता है।।
!!! मधुसूदन !!!
Apki harek rachana lajawaab rahati h sir…
Ranchi aane par Apse milana hoga mujhe…
Big big fan of u
बहुत बड़ी बात—-मैं कवि नहीं परंतु आपसबो के प्रोत्साहन से थोड़ा थोड़ा लगने लगा है कि मैं भी कुछ लिख सकता हूँ।बहुत बहुत धन्यवाद आपका साथ ही स्वागत आपका अपनी रांची में—-एक और सदस्य बढ़ गया आपके स्वागत करने को।
Aapse jud pana Mera soubhagya hain…😍
Approximately from Next, I am at ranchi…
आपका प्रतिक्रिया आपका बड़प्पन दर्शाता है—सुक्रिया—-स्वागत आपका
🙏🙏🙇😇
🙏🙏
आपने बहुत ही अच्छा और सटीक लिखा है।
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।
दिल को छू लिया अपने क्या कहूँ यही मेरे देश का भाग्य है और यह तब तक ऐसे ही अभिशाप बन कर हमारे देश को दस्ता रहेगा जब तक इस देश का हर नागरिक शिक्षा हासिल करके अपने विचारो का विस्तार नही करता शिक्षा से मेरा मतलब सिर्फ चार किताबे रट कर एग्जाम पास करने से नही है बल्कि अपने विचारो को विस्तार देते हुए उच्च से उच्च बनाना है !
बहुत बढ़िया बिचार आपके हैं दानिश जी, सच में शिक्षा बहुत जरुरी है । आपको मेरी कविता पसंद आयी –आपके उच्चकोटि के कमेंट्स के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
बेहद खूबसूरत रचना…🙌🙌🙌
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
I am a big fan of your poetry Madhusudan. This one depicts our current bleak scenario so well. Agree with you when you say the country is divided by religion and politics!! Such a sad state of affairs.
What a comments……..! very very thanks for your great & valuable comments.