Kaaraagrih (Part-2)
कारागृह में जन्म लिया,उसकी हम कथा सुनाते हैं,
कृष्ण,कन्हैया,गोवर्धन भगवान की गाथा गाते हैं।
गोकुल में है जश्न,
नंद के घर में लल्ला आया है,
मातम कारागृह में छाया,
कंस द्वार पर आया है,
सात-सात संतानों को,
कैसा मामा जो मार दिया,
अष्टम उसका काल है जन्मा,
आहट उसने जान लिया,
गोद मे एक नवजात लिए,
देवकी थी कैदी बिलख रही,
अट्टहास,गर्जन करता,
पापी पर कोई फर्क नहीं,
छीन लिया बच्चे को पल में,
पत्थर पर दे मारा था,
मगर छिटक हाथों से शिशु ने,
आसमान में भागा था,
रूप बालिका माया बोली,
मूर्ख मुझे क्या मारेगा,
जन्म लिया गोकुल में,
तेरा काल तुम्हें वह मारेगा,
कंस हुआ भयभीत चलें गोकुल में जश्न मनाते हैं
कारागृह में जन्में उस भगवान की गाथा गाते हैं।
नंद के घर आनंद मची है,
मात यशोदा हर्षित है,
नगर बना है नंद हवेली,
देख लाल सब पुलकित हैं,
जश्न मनाते ग्वाल-बाल सब,
नर-नारी सब झूम रहे,
देव रूप नर दिया बधाई,
नंद मगन मन झूम रहे,
जिसने देख सका ना कान्हा,
ब्याकुल, रूप अलौकिक सुन,
जिसने देखा रूप प्रभु का,
नाच रहे बिन बाजे धुन,
स्वर्ग बना गोकुल चल हम भी,जन्म की खुशी मनाते हैं,
कारागृह में जन्में उस भगवान की गाथा गाते हैं।
!!! मधुसूदन !!!
Bahut sunder pics he bal krishna ka.
Dhanyawad apka.
Welcome,dear!!
Bahut sunder varnan kiya he aapne.
Sukriya apka pasand karne aur sarahne ke liye.
Most welcome,dear!!
बार बार पढ़ी सुनी फिर भी नई लगती कान्हा कथा बड़ी अच्छी लगी.
उनकी कथा ही ऐसी है।धन्यवाद आपका।
Khubsurat post.
Sunder rachna…
Dhanyawaad apka…
कृष्ण जन्म का अद्भुत शब्दो मे वर्णन किया है । बहुत अच्छा
Sukriya apkaa….pasand karne aur tarif ke liye……