Jindagi

गुड्डा ​मैं एक घरौंदे का, जिसकी तु प्यारी गुड़िया है, यादों में मेरी तू बसती, तुममे ही मेरी दुनियाँ है, तू रूठ गयी रब रूठ गया, था बना घरौंदा टूट गया, ये मान सका ना पागल दिल, सपनों का सागर सूख गया, कहते हैं सब मैं पागल हूँ, सब कहते तू अब नहीं रही, उस […]

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