SHRADHANJALI/श्रद्धांजलि

अभी तो सूरज निकला ही था,धूम मची थी अभी-अभी, क्यूँ इतनी जल्दी चली गई?क्यूँ इतनी जल्दी चली गई।। थी उम्र कहाँ चुप होने की, थी खबर नहीं कुछ खोने की, भारत का रोता ताज हंसा माँ के दामन से दाग हटा, वर्षों से प्यासे कान खुशी की, खबर मिली थी अभी-अभी, क्यूँ इतनी जल्दी चली […]

Posted in Itihas ke Pannon seTagged 46 Comments on SHRADHANJALI/श्रद्धांजलि