JIWAN
हैं रंग कई इस जीवन के,डूबे कुछ में कुछ छूट गए,हैं जश्न अलग हर आयु के,शामिल कुछ में कहीं चूक गए।आगे भी जश्न प्रतीक्षारत,कहे दिल शरीक हो जाऊं मैं,पर बांध कई जीवन नद में,जिससे नित ही टकराऊं मैं,टकराते तुम भी नित हर पल,सज बैठे ख्वाहिश के रथ पर,है झूठी शान,दुविधा गुरुर,बंधे जिसमें जलसों से दूर,है […]
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