Eid Mubarak/ईद मुबारक़

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एक माह की कठिन तपस्या,होती है रमजान में।
सुना है तेरी बरकत सब पर,होती है रमजान में,
रोजे के इस पाक महीना,
ईद मिलन की बेला में,
कहाँ छुपा मेरे भगवन तू,
दुनियाँ के इस मेला में,
ऐ अल्लाह अगर तू रब है,
तू ही ईश्वर और भगवान्,
आकर देख धरा पर कैसे,
उलझ गए सारे नादान,
एक दूजे से नफरत करते,
पशुओं पर भी दया ना करते,
सबका रक्षक तू है फिर भी,
तेरे नाम पर हत्या करते,
हे अल्लाह ज्ञान दो सबको,पाक माह रमजान में,
सुना है तेरी बरकत सब पर,होती है रमजान में।……….. Click here to cont…. read….


सबका रक्षक तू है फिर भी,
तेरे नाम पर हत्या करते,
“अगर मैं सुधर जाता” तो दुनिया में एक बुरे लोग कम हो जाते।
वो कहते है ‘हम सुधरेंगे युग सुधरेगा, हम बदलेंगे युग बदलेगा’
परिवर्तन कि शुरुआत मुझे करनी होगी।
बिल्कुल सही । सिर्फ कहने से नही खुद करने से होगा। शाकाहारी बनिए और जीवों को जीने का हक दीजिए।
बहुत ख़ूबसूरत अभिव्यक्त किया है ईद के त्योहार को.
सुक्रिया आपका पसन्द करने और सराहने के लिए।
विशिष्ट लेखन गहराई दिखाती है
कभी ईश्वर कभी खुदाई दिखाती है
बेहतरीन पेशकश 👌👌
वाह। खूबसूरत पंक्तिया। सुक्रिया मित्र।शुभरात्रि।👏👏
Bht hi khoobsurati se piroya hai ek ek alfaz. Nice sir
Sukriya apka pasand karne aur sarahne ke liye.
बहुत ही अच्छी कविता | पूरी कविता पढ़ी मैंने | प्रत्येक बंध सत्य है और गहरे प्रश्न पूछता है 🙏
धन्यवाद आपका पढ़ने और भाव को समझने के लिए।
What a beautiful poem –
dhanywad apka padhne aur saraahne ke liye.
🌸😊
Bahut he badhiya kavita….mannmohak
एक दूजे से नफरत करते,
पशुओं पर भी दया ना करते,
सबका रक्षक तू है फिर भी,
तेरे नाम पर हत्या करते,
Yeh liney chinta ka visay hai…. Kaash koi sudhar laaye Allah/bhagwan
काश सुधार होता ।।।।काश लोग सुधरते।
Eid Mubarak 🙏
👏👏👏
Beautiful poem sir. Left with no words to express. Eid Mubarak
👏👏👏 Thank you very much.
Sir ik he word hai is poem k liye mere Pas…. speechless !!!!! Apko bhi Eid Mubarak.
Kya baat… Itni sunder pratikriya ke liye bahut bahut dhanyawad.