AARZU/ आरजू

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Hamne apne ek priye lekhika Yasmin ji ki ek kavita padhi aur kuchh shabd panktiyan ban gaye:—

है आरजू ये मेरी इनकार मत करना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना।

माना कि जन्नत है प्रेम की नगर में,

बचना बड़े धोखे हैं प्रेम की डगर में,

मीठी मीठी बातों पर ऐतबार मत करना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना।

किया प्रेम चैन से फिर सो नही पाओगे,

हँसना तो दूर कभी रो भी नही पाओगे,

मतलब की दुनियाँ है विश्वास मत करना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना।

पता है आजकल आईने खूब भाते हैं,

सजने संवरने में वक़्त गुजर जाते हैं,

खुद से हो दूर पास चाँद मत समझना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना।

काँटों भरे जीवन मगर फूल सी महक है,

गुलदस्ते की जिंदगी में बोल कैसी चहक है,

गुलशन को छोड़ गले का हार मत बनना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना,

ऐ दिल भूल से फिर प्यार मत करना।

!!! मधुसूदन !!!

30 Comments

  • Yasmin Diii or Madhusudan sir
    Aap dono mere favourite ho
    Best-M-Best waale writer ho
    Maine aaj tk itni si v kaamii ni dhekha h aapki writings mei. Sach kahu to mere muskurane kii wajahhh ho aap dono. Aap dono kii 1poem v padh lu na to din bhrr usi k khayalo mei khoya rhta hu.

    Maii bhaut lucky hu jo aap dono ko padh skta hu. Aap dono mere liye God gifted ho🙏🙏🙏🙏

    • क्या बात! बहुत बड़ी बात कह दी। आप भी मेरे परिवार की तरह हैं। जब भी आते हैं तो ऐसा लगता है जैसे हम पूर्ण हुए। नही आने पर कुछ कमी सा लगता है। बहुत ही आत्मीयता वाली लगाव हो गया। बहुत बहुत धन्यवाद आपका।,👏👏👏

      • वो कहते है ना सर
        सच्चे रिश्ते खून के नहीं अक्सर एहसासों के होते है😊😊😊

        • बिल्कुल। दिल खून नही प्रेम देखता है। धन्यवाद आपका।

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