Beti Ka Janm (Part-3)
एक डाल पर गुलशन में दो कलियाँ है मुश्कायी,
बधाई हो बधाई खुशियाँ सुन यौवन शरमाई।
दोनों रूप की मूरत,
पापा पढ़ा-लिखा गुणवान किया,
चलना,हंसना,शर्म हया माँ,
घर का सारा ज्ञान दिया,
रोज कहानी दोनों सुनती,
दादी माँ के आंचल में,
संस्कार और धर्म सिखाया,
दादी माँ ने आँचल में,
जिस घर जाती उसे लुभाती,
शालीनता पहचान बनाती,
अपने संग-संग माँ की इज्जत,
नानी घर की मान बढ़ाती,
धन्य है वो आंगन कहते सब,किसने किस्मत पायी,
बधाई हो बधाई शुभदिन बिटिया की अब आई।6।
दादी माँ की उम्र बढ़ी थी,
मालिश सिर की पाने से,
मैया को आराम मिली थी,
बिटिया के आ जाने से,
बना दिया घर को भी दोनों,
मिलकर रूप सलोना,
महक रहा था फुलवारी सा,
घर का कोना-कोना,
किसकी थी हिम्मत जो,
आंगन को गंदा कर जाता,
जो भी आता देख सफाई,
मंत्रमुग्ध हो जाता,
मगर पता है रुक्सत होना,
एक दिन इस फुलवारी से,
कण-कण में फिर भी इस घर की,
जान बसी है प्यारी के,
खून से जिन कलियों को सींचा,
बाग में अपने माली ने,
फूल बनी वो आज महकती,
माली की फुलवारी में,
मगर जगत की रित है माली,
चल दी उसे निभाने को,
फूल सी बिटिया की एक दुनियाँ,
चल दी नई बसाने को,
चहक रही बिटिया की आंखें,सुन बातें शरमाई,
बधाई हो बधाई निशदिन ब्याह की चर्चा छाई।7
!!! मधुसूदन !!!
शानदार लिखा सर
अगले पार्ट के इंतजार में
Dhanyawaad apkaa pasand karne ke liye…waise agla part post ho chuka hai…
अच्छा अभी देखते है..☺
Sir, I must say you are a great family man🙂🙂🙂 bahoot acha likha Apne🙂
Thanks for your feelings & appreciation..
Beautiful poem and heart touching one
Lots of thank for your appreciation..
Welcome sir 😊
Lovely piece of work
Sukriya apkaa aapne pasand kiya aur saraahaa.
Swagat h sir
बहुत सुंदर लिखा । बेटियॉ की बात ही निराली है
Bilkul sahi……sukriyaa aapne pasand kiya aur saraahaa.
Bahut sunder rachana.
Sukriya apka
Bht khub
सुक्रिया आपका पसंद करने के लिए।